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बालाकोट एयर स्ट्राइक पर सवाल: जानिए क्या कहते हैं तीन बड़े डिफेंस एक्सपर्ट

पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद विपक्षी दलों की तरफ से सवाल पूछे जाने लगे हैं. रक्षा विशेषज्ञ उदय भास्कर का मानना है कि लोकतंत्र में सवालो को सेना पर सवाल या राष्ट्रविरोधी बता कर नकारा नहीं जा सकता.

उदय भास्कर, कपिल काक और आरसी वाजपेयी उदय भास्कर, कपिल काक और आरसी वाजपेयी
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के इर्द गिर्द कई अनसुलझे सवाल घूम रहे हैं, जिसका स्पष्ट उत्तर अभी सरकार की तरफ से मिलना बाकी है. पुलवामा में शहीद हुए जवान के परिवार भी अब इस बात का सबूत मांगने लगे हैं कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में कितने आतंकी हलाक हुए.

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भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद विदेशी मीडिया ने सरकार के दावों पर सवाल उठाए हैं. विपक्षी दल भी विदेशी मीडिया का हवाला देते हुए सरकार से सवाल पूछने लगे हैं. सोसायटी फॉर पॉलिसी स्टडीज के निदेशक और जाने-माने रक्षा विशेषज्ञ सी. उदय भास्कर का मानना है कि लोकतंत्र में ऐसे सवाल पूछना देशद्रोह नहीं है. 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान भी तत्कालीन सरकार से सवाल पूछे गए थे. बालाकोट में हुई एयरस्ट्राइक से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब मांगा जा रहा है.

बालाकोट में कितने आतंकी मारे गए?

एयर स्ट्राइक की खबर आने के साथ ही कहा गया कि बालाकोट में 300 आतंकी मारे गए. फिर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया कि 250 आतंकी मरे. अमित शाह के दावे पर विदेश राज्य मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह कह रहे हैं कि शाह का बताया आंकड़ा महज एक अनुमान है.

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उधर, एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर का कहना है कि हमारे पास साक्ष्य हैं कि जो लक्ष्य था, हमने हासिल किया. वहीं एयर स्ट्राइक के दिन यानी 26 फरवरी को विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि गोपनीय सूचना के आधार पर वायुसेना ने ऐहतियाती गैर-सैन्य कार्रवाई की जिसमें बड़ी संख्या में आतंकी, कमांडर और ट्रेनर मारे गए.

एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) कपिल काक का कहना है कि बालाकोट में कितने आतंकी मारे गए यह पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई को ही पता होगा. इसके अलावा पाकिस्तान में जो हमारे ग्राउंड इंटेलिजेंस हैं उन्हें भी पता होगा. वहीं रक्षा विशेषज्ञ सी. उदय भास्कर का मानना है कि विदेश सचिव ने अगर कहा है कि बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए, तब उन्होंने किसी सूचना के आधार पर ही ये बात कही होगी.

बालाकोट के सबूत क्या हैं?

बालाकोट में एयर स्ट्राइक पर विपक्षी दल सरकार से सबूत मांग रहे हैं. विपक्ष के सवाल पर सरकार उलटा पूछ रही है कि क्या सेना पर विश्वास नहीं? एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) कपिल काक का कहना है कि युद्ध या युद्ध जैसी स्थिति में विरोधाभासी बयान नहीं होने चाहिए. जब वायुसेना और विदेश सचिव ने संख्या नहीं बताई तो 250-300 की संख्या कहां से आई. ऊपर से विदेश राज्य मंत्री का अमित शाह द्वारा बताई गई संख्या का बचाव करना भी अफवाहों को बल देने जैसा है. अगर सरकार के पास सबूत हैं तो उसे अगले ही दिन जनता के सामने रखने चाहिए.

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कपिल काक का कहना है कि आजकल के हथियार ऐसे हैं जो बिल्डिंग नहीं गिराते लेकिन अंदर रहने वाले लोगों को मारते हैं. स्पाइस-2000 ऐसा ही स्मार्ट बम है जिसमें लेजर गाइडेड को-ऑर्डिनेट सेट किए जाते हैं. यह छत के रास्ते भीतर जाता है और बिल्डिंग के भीतर टारगेट को हिट करता है. उन्होंने बताया कि वायुसेना के पास जो भी सबूत हैं वो सैटेलाइट इमेज, तकनीक से हासिल होंगे.  खुफिया एजेंसी रॉ के पास भी ऐसे संसाधन हैं जिनसे टारगेट की इमेज ली जा सकती है. इसे सिंथेटिक एपर्चर राडार कहते हैं जो घने बादल में भी तस्वीरें ले सकता है.

रक्षा विशेषज्ञ सी. उदय भास्कर ने कहा विदेश सचिव ने साफ कहा कि वहां बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए. यह किसी न किसी इनपुट पर आधारित होगा. लेकिन जनता या विपक्षी दलों के सवाल पूछने के हक को भी नाकारा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि हो सकता है सरकार अपनी सर्विलांस तकनीक उजागर नहीं करना चाहती हो इसलिए सबूत जारी नहीं किए जा रहे हों. हालांकि उन्होंने कहा कि इस तरह की स्ट्राइक में अगर हम आधे घंटे के भीतर इमेज ले पाते हैं तब तो ठीक है. लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद दुश्मन देश को पास टारगेट छिपाने का पर्याप्त समय मिल जाता है.

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क्या अभिनंदन ने ही गिराया एफ-16?

भारतीय एयर स्ट्राइक के अगले दिन पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों ने भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन करने की कोशिश की. पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए कुछ मिसाइल भी दागे लेकिन इसमें कोई नुकसान नहीं हुआ. हालांकि पाकिस्तानी लड़ाकू विमान का पीछा करते हुए मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट पर सवार विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान की सीमा में घुस गए. उनका विमान क्षतिग्रस्त हो गया जबकि पाकिस्तानी सेना ने उन्हें कब्जे में ले लिया. एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर ने AMRAAM मिसाइल के टुकड़े दिखाकर साबित किया कि यह मिसाइल सिर्फ एम-16 लड़ाकू विमान में ही फिट हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि दोनों वायुसेनाओं की डॉग फाइट में भारत ने एक मिग-21 गंवाया जबकि पाकिस्तान का भी एक विमान मार गिराया गया.

भारत दावा कर रहा है कि उसने पाकिस्तान का एक एफ-16 विमान मार गिराया तो वहीं पाकिस्तान इससे इनकार कर रहा है. पाकिस्तान के इनकार के पीछे अमेरिका के साथ एफ-16 के प्रयोग की शर्त हो सकती है. लेकिन यह दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी एफ-16 विमान को विंग कमांडर अभिनंदन ने मार गिराया. एयर मार्शल (रिटा.) आरसी वाजपेयी का कहना है कि पाकिस्तानी वायुसेना के विमान और भारतीय वायुसेना के विमानों के बीच डॉग फाइट हुई जिसमें मिग-21, सुखोई 30 और मिराज 2000 ने हिस्सा लिया. इसमें पाकिस्तान के एफ-16 विमानों ने हवा से हवा में मार करने वाली AMRAAM मिसाइल का इस्तेमाल कर सुखोई 30 और मिग 21 को निशाना बनाना चाहा. जिसके टुकड़े भारतीय सीमा में मिले हैं.

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एयर मार्शल (रिटा.) आरसी वाजपेयी ने कहा कि चूंकि विंग कमांडर अभिनंनद ही अकेले फाइटर पायलट थे जिन्होंने नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ा था इसलिए यह दावा किया जा रहा है कि मिग-21 हिट होने से पहले उन्होंने पाकिस्तानी विमान को हवा से हवा मार करने वाली R73 मिसाइल से मार गिराया.   

भारत का MI-17 हेलिकॉप्टर किसने गिराया?

भारतीय वायुसेना और पाकिस्तानी वायुसेना के बीच संघर्ष के 10 मिनट के भीतर बडगाम में भारतीय MI-17 चॉपर क्रैश हो गया. इस हादसे में 6 जवानों की मौत हो गई. इस घटना को लेकर जो आधिकारिक बयान आए हैं उसमें यह कहा गया है कि  MI-17 रुटीन मिशन पर था. लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि आखिर भारतीय हेलिकॉप्टर गिरा कैसे? इस घटना पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं जिसकी रिपोर्ट अगले 10-15 दिन में आने की उम्मीद है.

एयर मार्शल कपिल काक का मानना है कि पाकिस्तान ने भी यह दावा नहीं किया कि MI-17 हादसे से उसका कुछ लेना देना है. इस हादसे पर जांच बैठाई गई है लिहाजा इसका इंतजार करना चाहिए. हेलिकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स या उसके मलबे से पता लगाने की कोशिश होगी कि यह तकनीकी खामी से हुआ हादसा था या इसके पीछे कोई अन्य कारण था.

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हमने नियंत्रण रेखा लांघी या पाक सीमा?

बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत के आधिकारिक बयान में यह कहा गया कि उसने अपने टारगेट पर प्रहार किया लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ कि हमारी वायुसेना पाकिस्तान सीमा में दाखिल हुई या नियंत्रण रेखा से ही टारगेट को निशाना बनाया. रक्षा विशेषज्ञ सी. उदय भास्कर का कहना है कि हमले के बाद इंडियन एक्सप्रेस में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर आई थी भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा से ही टारगेट को हिट किया. उदय भास्कर का कहना है कि वायुसेना की एयर पावर ऐसी है कि बिना दुश्मन की सीमा जाए टारगेट को निशाना बनाया जा सकता है.

एयर मार्शल (रिटा.) आरसी वाजपेयी का मानना है कि इस मामले में भारत का रुख स्पष्ट है कि उसने पाकिस्तान हमला नहीं किया बल्कि आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है. वाजपेयी का कहना है कि हमने इस्त्राइल निर्मित AWACS सिस्टम का प्रयोग इसलिए किया ताकि पाकिस्तान के राडार सिस्टम को जाम किया जा सके. अगर हमें नियंत्रण रेखा के इस पार से ही हमला करना था तो यह किसी और मिसाइल से किया जा सकता था. वाजपेयी ने कहा कि बालाकोट का इलाका पहाड़ियों वाला है ऐसे सटीक निशाना बनाने के लिए टारगेट को स्पष्टता से लोकेट करना जरूरी है.

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बालाकोट पर एयर स्ट्राइक ने चुनावी साल में राजनीतिक रंग ले लिया है. पुलवामा हमले के बाद जो विपक्ष सरकार के साथ खड़ा होने का दावा कर रहा था अब वो सरकार से सवाल पूछ रहा है. रक्षा विशेषज्ञ सी. उदय भास्कर का मानना है कि लोकतंत्र में चाहे जनता हो या विपक्षी दल उनके सवालों को राष्ट्रविरोधी बताकर नकारा नहीं जा सकता. द्वितीय विश्व युद्ध में इंग्लैंड की सरकार से सवाल पूछे गए थे, कारगिल युद्ध के बाद वाजपेयी सरकार से भी सवाल किए गए थे.

 उदय भास्कर का मानना है कि अगर सूचना इतनी ही गोपनीय है तो सरकार विपक्षी दलों के शंका का समाधान तो कर ही सकती है. गोपनीयता की शपथ सबने ले रखी है. इंडिया टुडे/आजतक के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल द्वारा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से पूछे गए सवाल और उसके जवाब में गोयल के व्यवहार की आलोचना करते हुए उदय भास्कर ने कहा कि गोयल आसानी से यह कहकर बच सकते थे कि वे इस सवाल का जवाब देने की क्षमता नहीं रखते. लेकिन पूछे गए सवाल को सीधे सेना पर सवाल बताना ठीक नहीं है.

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