
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान को करारा झटका दिया है. ICJ ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए जाधव की फांसी पर रोक लगा दी.
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ICJ Order on Kulbhushan Jadhav by Saad Bin Omer on Scribd
वहीं ICJ के इस आदेश से बौखलाए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा इस फैसले को चुनौती देने की बात कही. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने इस मामले में पाकिस्तान को जिम्मेदारी भरा जवाब नहीं दिया और वह दुनिया के सामने भारत को बेनकाब करेंगे. जबकि दूसरी ओर पाकिस्तान डिफेंस की ओर से एक ट्वीट में कहा गया है कि दुनिया की किसी भी अदालत के पास ये अधिकार नहीं है कि वह एक संप्रभु राष्ट्र की अदालत द्वारा दिए गए फैसले को पलट दे. पाकिस्तान पूरी ताकत से लड़ेगा.
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पाकिस्तान के इस रुख से अब सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान इस पर अमल करेगा और अगर पाकिस्तान आदेश पर अमल नहीं करता है तो फिर भारत के पास आगे क्या रास्ता बचेगा?
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हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत स्थापित किया गया है और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का अनुच्छेद 94 में साफ कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को उन सभी मामलों में ICJ के आदेशों का पालन करना होगा, जिसमें वे पक्षकार हैं. यहां भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही इस पर सहमति जताई थी.
इसके साथ ही यहां आपसी विवादों को सुलाने के लिए राजनयिक स्तर पर प्रयासों से जुड़े वियना समझौते का एक 'वैकल्पिक प्रोटोकॉल' भी है और दोनों पड़ोसी मुल्क इस प्रोटोकॉल के भी हिस्सा हैं.
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यहां यह बात गौर करने वाली है कि ICJ का आदेश अंतिम होता है और उसके खिलाफ आप कहीं अपील नहीं कर सकते हैं, हालांकि उसके पास अपने फैसलों को लागू करवाने की कोई शक्ति नहीं होती. ऐसे में अगर ICJ के आदेश पर अमल से पाकिस्तान इनकार करता है, तो फिर भारत को यह मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाना होगा. हालांकि सुरक्षा परिषद इस मामले में दखल से इनकार भी कर सकता है और अगर ऐसा होता है, तो भारत के लिए आदेश पर अमल कराने का कोई रास्ता नहीं बचेगा.
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