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अंतर्राष्ट्रीय अदालत में जाधव केस पर सुनवाई खत्म, PAK ने उठाए कोर्ट के अधिकार क्षेत्र पर सवाल

नीदरलैंड की अंतर्राष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव मामले पर सुनवाई खत्म हो गई है. पाकिस्तान ने इस मामले में इंटरनेशनल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी है. पाकिस्तान का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में विएना संधि लागू नहीं होती.  11 जजों की बेंच ने फैसले की तारीख जल्द तय करने की बात कही है.

अंतर्राष्ट्रीय अदालत में पैरवी के लिए मौजूद पाक टीम अंतर्राष्ट्रीय अदालत में पैरवी के लिए मौजूद पाक टीम
गौरव सावंत
  • हेग, नीदरलैंड ,
  • 15 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST

नीदरलैंड के हेग की अंतर्राष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव मामले पर सुनवाई खत्म हो गई है. सुनवाई में भारत की दलीलों के बाद पाकिस्तानी पक्ष ने जवाब पेश किया. पाक के वकीलों ने जाधव पर आतंकवाद के आरोपों को जायज ठहराते हुए फांसी के फैसले को जायज ठहराया. पाकिस्तान ने इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय अदालत के अधिकार क्षेत्र को भी चुनौती दी और दावा किया कि  इस मामले में विएना संधि लागू नहीं होती. अदालत ने फैसले की तारीख जल्द तय करने की बात कही है.

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कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को चुनौती
भारत की अपील के खिलाफ पाकिस्तान की सबसे अहम दलील ये थी कि अंतर्राष्ट्रीय अदालत को इस मामले में दखल देने का कोई हक नहीं है. जाधव को फांसी की सजा के ऐलान से दो हफ्ते पहले ही यूएन में पाकिस्तान का राजनयिक मलीहा लोधी ने कोर्ट को बताया था कि इस्लामाबाद ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों पर कोर्ट के दखल के अधिकार को वापस ले लिया है. पाकिस्तानी वकीलों ने याद दिलाई की भारत 1974 में ही ऐसा ऐलान कर चुका है. सीनियर वकील ख्वार कुरैशी ने इस सिलसिले में अटलांटिस विमान को गिराने से जुड़े केस का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में भी अदालत ने अधिकार क्षेत्र ना होने की बात मानी थी.

जाधव केस में विएना संधि लागू नहीं
पाकिस्तानी वकीलों ने भारत की इस दलील को खारिज किया कि पाकिस्तान ने जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस ना देकर विएना संधि का उल्लंघन किया है. पाकिस्तानी पक्ष की दलील थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में विएना संधि के प्रावधान लागू नहीं होते. उन्होंने इस मामले में अमेरिका और मेक्सिको के बीच ऐसे ही एक विवाद का भी हवाला दिया.

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काउंसलर एक्सेस पर सफाई
ख्वार कुरैशी का कहना था कि भारत और पाकिस्तान 2008 में एक दूसरे के कैदियों के साथ बर्ताव को लेकर आपसी समझौता कर चुके हैं. इस समझौते के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में दोनों देश किसी कैदी को काउंसलर एक्सेस देने से इनकार कर सकते हैं. कुरैशी ने भारत के इस दावे को खारिज किया कि भारत की ओर से काउंसलर एक्सेस का अनुरोध किये जाने से पहले ही जाधव से कथित कबूलनामा लिया गया था.

जाधव पर आरोपों को जायज ठहराया
पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट में भारत के इस दावे को खारिज किया कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था. पाकिस्तानी वकीलों का कहना था कि जाधव भारतीय नेवी का मौजूदा कमांडर है और वो ईरान के रास्ते पाकिस्तान में आतंकवाद फैला रहा था. इन आरोपों के समर्थन में पाकिस्तानी पक्ष ने जाधव के कथित कबूलनामे के वीडियो का भी हवाला दिया. हालांकि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वीडियो दिखाए जाने की इजाजत नहीं दी. पाकिस्तानी पक्ष ने दावा किया कि भारत ने जाधव के पास फर्जी नाम का पासपोर्ट होने की सफाई नहीं दी है. पाकिस्तानी वकीलों ने इस आशंका को भी खारिज किया कि जाधव को जल्द फांसी दी जा सकती है. कुरैशी ने बताया कि जाधव के पास अब भी कानूनी विकल्प मौजूद हैं.

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