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संसद में बोलीं सुषमा- जाधव की मां-पत्नी को विधवा की तरह मिलाया, PAK की बेअदबी की हद

राज्यसभा में अपने संबोधन में करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कुलभूषण जाधव के परिवार की मुलाकात राजनयिक कोशिशों से हुई थी.

कुलभूषण जाधव मुद्दे पर संसद में बयान देंगी सुषमा कुलभूषण जाधव मुद्दे पर संसद में बयान देंगी सुषमा
अशोक सिंघल/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के परिवार के साथ की गई बदसलूकी से पूरा देश आगबबूला है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस मुद्दे पर संसद में बयान दिया. राज्यसभा में अपने संबोधन में करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कुलभूषण जाधव के परिवार की मुलाकात राजनयिक कोशिशों से हुई थी.

सरकार ने जाधव मामले को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद उनपर जारी किए गए फांसी के फैसले को टाल दिया गया है. मुश्किल की घड़ी में सरकार परिवार के साथ है, हमने परिवार के सदस्यों की जाधव से मिलने की इच्छा को पूरा किया.

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ये खेद का विषय है कि मुलाकात में इस तरह का व्यवहार किया. सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान ने इस मुलाकात को प्रोपेगेंडा बनाया. जाधव की मां सिर्फ साड़ी पहनती हैं, उनके भी कपड़े भी बदलवा दिए गए. मीडिया को मां और पत्नी के नजदीक आने दिया गया, जो हमारी शर्तों के खिलाफ था.

मुलाकात से लौटने के बाद मां-पत्नी ने बताया कि कुलभूषण दबाव में हैं. उनके कैद करने वालों ने जो उन्हें बोलने के लिए कहा था जाधव सिर्फ वही बोल रहे थे. पाकिस्तान जाधव की मां-पत्नी के जूतों के साथ कुछ शरारत कर सकता है. इस मीटिंग में सिर्फ मानवाधिकार के नियमों का उल्लंघन ही हुआ है.

पाकिस्तान में जाने से पहले एयरपोर्ट पर दो जगह मां और पत्नी की चैकिंग हुई, तो क्या जब कोई चिप नहीं दिखाई दी. पूरा सदन पाकिस्तान के इस व्यवहार की निंदा करता है. कुलभूषण ने अपनी मां को देखते ही सबसे पहले पूछा कि बाबा कैसे हैं क्योंकि जैसे ही उसने मां को बिना मंगलसूत्र और चूड़ी के देखा उसे शक हुआ कि कहीं कुछ अशुभ ना हो गया हो.

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कुलभूषण ने सबसे पहला सवाल पूछा कि बाबा कैसे हैं. सुषमा ने कहा कि दोनों सुहागनों को एक विधवा की तरह पेश किया गया. जाधव की मां अपने बेटे से मराठी में बात करना चाहती थी. जब वो बात करती थी, तो इंटरकोम को बंद किया गया. 

विपक्ष ने किया सरकार का समर्थन

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि जाधव पर जो भी आरोप लगाए गए हैं, वो झूठे और फर्जी हैं. पाकिस्तान में कोई लोकतंत्र नहीं है, हम पाकिस्तान को अच्छी तरीके से जानते हैं. जाधव की मां-पत्नी के साथ जो भी हुआ है, वो अपमान पूरा देश का है. कांग्रेस के अलावा अन्य सभी पार्टियों ने भी सरकार के बयान का समर्थन दिया.

कुलभूषण मुद्दे पर भी हंगामा

बुधवार को लोकसभा में कुलभूषण जाधव के परिवार के साथ की गई बदसलूकी का मसला भी उठा था. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटना पर पाकिस्तान की निंदा की. उनके अलावा विपक्षी पार्टियों ने सुषमा स्वराज के बयान की मांग की. कांग्रेस ने कुलभूषण जाधव मुद्दे पर पाकिस्तान से माफी की मांग की है, इसके अलावा भारत सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ कड़े एक्शन की मांग की है.

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आपको बता दें कि सोमवार को कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी ने इस्लामाबाद जाकर उनसे मुलाकात की थी. जिसके बाद उनसे बदसलूकी की बात आई थी. इस्लामाबाद में कुलभूषण के परिवार के साथ की गई बदसलूकी पर भारत ने पाकिस्तान को कड़ी लताड़ लगाई है.

जूती को लेकर पाकिस्तान का झूठ

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव की पत्नी की उतरवाई गई जूतियां फॉरेंसिक जांच के लिए भेजी हैं. PAK का दावा है कि जब मुलाकात के लिए जाधव की पत्नी विदेश मंत्रालय के दफ्तर पहुंचीं तो उनकी जूतियों में ‘धातु की वस्तु’ पाई गई. अब पाकिस्तानी अधिकारी अब इसी संदिग्ध वस्तु की जांच के लिए जूतियां फॉरेंसिक लैब भेज रहे हैं.  

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बताया कि अधिकारी ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जूतियों से मिली चीज कैमरा है या रिकॉर्डिंग चिप, इसलिए जूतियों से मिली वस्तु की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है.

भारत ने दिखाई तल्खी

मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कुलभूषण जाधव मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस की. MEA प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों की तरफ से कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाए गए, प्रेस को उनके करीब आने दिया. साथ ही कुलभूषण जाधव को उनके परिवार के साथ मराठी में बात भी नहीं करने दी गई.

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उतरवाए गए मंगलसूत्र, बिंदी

पाक को लताड़ लगाते हुए रवीश कुमार ने कहा कि सुरक्षा के नाम पर कुलभूषण की पत्नी-मां के मंगलसूत्र, बिंदी, कपड़े तक को बदलवा दिया गया. जब भी वो कुलभूषण की मां अपने बेटे से अपनी भाषा मराठी में बात करने की कोशिश करती थी, उन्हें बार-बार टोक दिया जाता था. यहां तक की उनके जूते भी नहीं लौटाए गए.

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