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कुंभ मेला 2019: 71 देशों ने कुंभ को वैश्विक मान्यता दी- योगी आदित्यनाथ

Kumbh Mela 2019 सीएम ने कहा कि प्रयागराज में किले में कैद अक्षयवट और सरस्वती कूप का दर्शन इस कुंभ के दौरान 450 सालों बाद श्रद्धालु कर पाएंगे. सीएम ने कहा कि अक्षयवट द्वादश माधव में एक माने जाते हैं, इसका उनकी सरकार ने उद्धार किया है लोगों को इसके दर्शन की सुविधा दी है.

फोटो- आजतक फोटो- आजतक
पन्ना लाल
  • लखनऊ,
  • 13 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST

प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेला पर इंडिया टुडे गोलमेज सम्मेलन का आयोजन लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हो रहा है. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सम्मेलन में कुंभ मेला के सफल आयोजन के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंभ मानवता का सबसे बड़ा अध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम है. उन्होंने कहा कि मानवता का ये संगम अलौकिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक घटना को लेकर जाना जाएगा. उन्होंने बताया कि यूनेस्को ने इस आयोजन को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की संज्ञा दी है.

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया के 71 देशों के राजदूत ने इस आयोजन में उपस्थित होकर अपने अपने देशों के राष्ट्र ध्वज को यहां स्थापित किया है और इसे वैश्विक मान्यता दी है. सीएम योगी ने कहा कि इस वक्त प्रयागराज में 71 देशों का ध्वज लहरा रहा है और ये घटना प्रयागराज कुंभ को मिले वैश्विक समर्थन का प्रतीक है. सीएम ने कहा कि 22 फरवरी को दुनिया के 192 देशों के प्रतिनिधि प्रयागराज कुंभ में सहभागिता सुनिश्चित करें इसके लिए सरकार कोशिश कर रही है.

सीएम ने कहा कि प्रयागराज में किले में कैद अक्षयवट और सरस्वती कूप का दर्शन इस कुंभ के दौरान 450 सालों बाद श्रद्धालु कर पाएंगे. सीएम ने कहा कि अक्षयवट द्वादश माधव में एक माने जाते हैं, इसका उनकी सरकार ने उद्धार किया है लोगों को इसके दर्शन की सुविधा दी है. सीएम ने कहा कि इस विशिष्ट खगोलीय और नक्षत्रीय घटना के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार ने डेढ़ साल पहले तैयारी की और इस योजना को प्रभावी ढंग से राज्य सरकार ने लागू भी किया.

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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में कुंभ का आयोजन होता है. उन्होंने कहा कि इन चारों कुंभ में प्रयागराज कुंभ की अपनी खासियत है. उन्होंने कहा कि इस खासियत की वजह यह है कि यहां देश की सात पवित्र नदियों में तीन नदियों का संगम होता है.

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