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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, गलवान-चुशूल में लगेंगे संचार टर्मिनल, संपर्क में मिलेगा फायदा

भारत और चीन के बीच जारी तनाव को लेकर बॉर्डर के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब लद्दाख के अंदरूनी इलाके में संचार व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा.

लद्दाख के अंदरूनी इलाकों में मजबूत होगी संचार व्यवस्था (रॉयटर्स) लद्दाख के अंदरूनी इलाकों में मजबूत होगी संचार व्यवस्था (रॉयटर्स)
श्वेता सिंह/हिमांशु मिश्रा
  • लद्दाख,
  • 26 जून 2020,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

  • बॉर्डर इलाकों में सरकार बढ़ाएगी संचार व्यवस्था
  • गलवान, चुशूल में लगेंगे सैटेलाइट टर्मिनल

भारत और चीन के बीच इन दिनों सीमा पर तनाव जारी है. लद्दाख के पास चीनी सेना एकदम घात लगाकर बैठी है, तो भारतीय सेना भी पूरी तरह से मुस्तैद है. इस सबके बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार अब लद्दाख के दूर-सुदूर वाले इलाकों में कनेक्टविटी को बेहतर करने जा रही है. इससे सेना के साथ-साथ वहां रहने वाले लोगों को भी संपर्क करने में सुविधा होगी, जो मौजूदा स्थिति में सामरिक लिहाज से काफी अहम है.

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केन्द्रीय संचार मंत्रालय के तहत काम करने वाले विभाग UNIVERSASL SERVICE OBLIGATION FUND ( USOF) ने देश के रिमोट और दूर दूराज के इलाकों में बसे 354 गांव में संचार सुविधा देने की योजना को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है. इसकी मांग काफी वक्त से की जा रही थी.

भारत सरकार का ये महत्वाकांक्षी प्रोजक्ट सीमा से लगे उन तमाम गांवों के लिए है, जहां अब तक संचार की सुविधा नहीं पहुंची है. इस योजना की खास बातें क्या हैं?

- इन 354 गांवों में 144 केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में हैं. इनमें से 87 जम्मू-कश्मीर और साथ ही 57 गांव लद्दाख में हैं.

- ये प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख इलाके में रहने वाले 100 फीसदी निवासियों तक संचार की सुमिधा पहुंच जाएगी.

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- संचार मंत्रालय ने देश भर के रिमोट इलाकों में 812 DIGITAL SATELLITE PHONE TERMINAL ( DSPT) स्थापित करने की योजना बनाई है.

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इन DSPT में से 134 टर्मिनल लद्दाख के रिमोट इलाके में लगेंगे. लद्दाख के ये इलाके हैं

- गलवान घाटी

- डीबीओ-दौलत बेग ओल्डी

- डी सिंह पोस्ट

- हॉट स्प्रिंग

- लुकुंग

- ठाकुंग

- चुशूल

आपको बता दें कि ये ही वो इलाके हैं, जिनमें चीन के साथ तनाव जारी है. किसी भी तरह की स्थिति के लिए संचार की जरूरत काफी अहम हो जाती है. ऐसे में इस संकट के दौरान सरकार का ये फैसला सामरिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है.

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