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91 के हुए BJP के 'लौह पुरुष' आडवाणी, पीएम मोदी-शाह ने दी बधाई

विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने लगातार बीजेपी पर आरोप लगाया है कि मोदी-शाह की जोड़ी आडवाणी के साथ सही व्यवहार नहीं कर रही है. आडवाणी को 2014 में सरकार बनने के बाद से ही मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी (फाइल फोटो, PTI) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लालकृष्ण आडवाणी (फाइल फोटो, PTI)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी आज 91वां जन्मदिन मना रहे हैं. बीजेपी के लौह पुरुष के जन्मदिन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं ने बधाई दी. गुरुवार को प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के घर भी पहुंचे.

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लिखा, ''भविष्य के लिए निर्णय लेने और लोगों के अनुकूल नीतियां बनाने को लेकर उनके कार्यकाल की प्रशंसा की जाती है. उनकी विद्वता की विभिन्न क्षेत्रों में सराहना की जाती है.''

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PM ने लिखा ''भारतीय राजनीत पर आडवाणी जी का प्रभाव अमिट है. नि:स्वार्थ और लगातार परिश्रम से उन्होंने भाजपा को मजबूत बनाया और अद्भुत रूप से कार्यकर्त्ताओं का मार्ग दर्शन किया. मैं उनके स्वस्थ्य और लंबी उम्र की कामना करता हूं.''

BJP अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, ''जनसंघ से लेकर भाजपा तक हमारी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने से लेकर संसद में एक कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में भारत को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने में आडवाणी जी का भारतीय राजनीति में अद्वितीय योगदान है हम सभी भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से उन्हें शुभकामनाएं.''

पाकिस्तान में जन्मे थे आडवाणी

आपको बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है.

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आडवाणी की शुरुआती शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से हुई. इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया. विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आकर बस गया.

सबसे अधिक समय तक रहे BJP के अध्यक्ष

लालकृष्ण आडवाणी 1947 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सचिव बने थे. 1970 में पहली बार आडवाणी राज्यसभा के सांसद बने थे. 1980 में भारतीय जनता पार्टी बनने के बाद से उन्होंने सबसे ज्यादा समय तक पार्टी के अध्यक्ष का पद संभाला था.

आडवाणी ने एक किताब लिखी है जिसका नाम- माई कंट्री, माई लाइफ है. दावा किया जाता है कि इस किताब की 1,000,000 बिकी हैं. सभी को चौंकाते हुए 2013 में उन्होंने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था.

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