Advertisement

बंगाल में बवाल के बीच राष्ट्रपति शासन की मांग, येचुरी बोले- हम पक्ष में नहीं

लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में शुरू हुई हिंसा का दौर चुनाव के बाद भी जारी है. बढ़ती हिंसा की घटनाओं के कारण प्रदेश में राष्ट्रपति शासन को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है.

सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी  (फाइल फोटो) सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी (फाइल फोटो)
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2019,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद बढ़ रही हिंसा की घटनाओं के बीच राजनीतिक गलियारों में राष्ट्रपति शासन की चर्चा हो रही है. लेफ्ट ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर विरोध जताया है. सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के सवाल पर अपना विरोध जताते हुए कहा कि लेफ्ट किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के पक्ष में नहीं है.

Advertisement

क्यों होने लगी राष्ट्रपति शासन की चर्चा

बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित हत्या के बाद बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो भाजपा पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग कर सकती है. उधर, सोमवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा कर राज्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी.

भाजपा और टीएमसी का आरोप प्रत्यारोप

लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. भाजपा का आरोप है कि चुनावी नतीजों के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लोग भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहे हैं और उनकी सियासी हत्या हो रही है. जबकि टीएमसी ने उल्टे भाजपा पर आरोप लगाया है कि बीजेपी के लोग राजनीतिक हत्या को अंजाम दे रहे हैं.

Advertisement

भाजपा और टीएमसी दोनों दलों के आरोप प्रत्यारोप के बीच राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी का दिल्ला दौरे के कारण सियासी गलियारों में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की चर्चा होने लगी है. राज्य में कभी तीन दशक से ज्यादा सालों तक सत्ता में रहने वाली सीपीआईएम प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का विरोध कर रही है. गौरतलब है कि चुनाव के दौरान लेफ्ट ने पश्चिम बंगाल में भाजपा और टीएमसी के मिलेजुले होने का आरोप लगाया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement