
तमिलनाडु में BJP प्रदेश अध्यक्ष तमिलसाई सुंदरराजन के सामने पार्टी विरोधी नारे लगाने वाली छात्रा लुई सोफिया के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां एकजुट हो रही हैं. डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन के बाद अब कमल हासन ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी को निशाने पर लिया है.
कमल हासन ने मंगलवार को इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए लिखा कि अगर सार्वजनिक स्थल पर आलोचना करना और अपनी आवाज़ उठाना जुर्म है तो सभी राजनेताओं को जेल में डाल देना चाहिए. सोफिया तो आज़ाद हो गई हैं. लेकिन अभी तक हम राजनेता बाहर क्यों घूम रहे हैं, मुझे लगता है मैं भी नेता हो गया हूं.
स्टालिन ने भी खड़े किए थे सवाल
कमल हासन से पहले डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने सोफिया की गिरफ्तारी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए ट्वीट में लिखा कि यह मामला लोकतंत्र और बोलने की आजादी के खिलाफ है.
उन्होंने सोफिया को तुरंत रिहा करने की मांग करते हुए कहा कि आपको (तमिलनाडु सरकार) उन लाखों लोगों को गिरफ्तार करना होगा जो इस तरह के नारे लगाते हैं. मैं भी इस तरह के नारे लगाउंगा. 'फासीवादी बीजेपी सरकार हाय-हाय'.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, लुई सोफिया नाम की यह महिला विमान में तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष तमिलसाई सुंदरराजन के साथ ही सफर कर तूतीकोरिन पहुंची थी. सुंदरराजन जैसे ही अपना सामान लेने लगेज बॉक्स के पास पहुंचीं, महिला ने 'फासीवादी बीजेपी सरकार हाय-हाय' के नारे लगाने शुरू कर दिए.
नारेबाजी से परेशान सुंदरराजन और सोफिया के बीच हल्की बहस भी हुई.जिसके बाद सुंदरराजन की शिकायत पर पुलिस ने सोफिया को गिरफ्तार कर लिया. महिला को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में कोकिराकुलम जेल भेज दिया था.