
आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी चुनौती देने के लिए कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. पार्टी भारत के साथ-साथ NRI's पर भी डोरे डालने का मौका नहीं चूकना चाहती. राहुल ने अध्यक्ष पद संभालने के बाद भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष की कमान अपने पिता के करीबी सैम पित्रोदा को सौंपी. सियासी गलियारों में सभी जानते हैं कि, ये वही सैम हैं जिनकी मदद से राजीव गांधी ने दूरसंचार क्रांति को अंजाम दिया. यूपीए सरकार के वक्त भी सैम को ज्ञान आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया था.
सैम ने बताया कि दुनिया के तमाम देशों में जहां NRI's की संख्या अच्छी खासी है, वहां राहुल के कई कार्यक्रम आयोजित कराए. इसके बाद राहुल ने सैम को निर्देश दिया कि सरकार आने पर पार्टी NRI's के लिए क्या-क्या बेहतर कर सकती है, उन वायदों को वो मैनिफेस्टो कमेटी को बताएं.
इसी लिहाज से सैम ने 22 और 23 फरवरी को दुबई में भारतीय ओवरसीज कांग्रेस की तरफ से एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया है. इसमें दुनिया भर के करीब 40 देशों के 180 लोगों को आमंत्रित किया गया है. 2 दिन चलने वाले इस सम्मेलन में ग्रुप चर्चाएं होंगी. बाकी समस्यायों और सहायता की बात के साथ ही स्वास्थ्य, कृषि जैसे सेक्टर पर भी बात होगी. इस सम्मेलन के लिए सैम के साथ ओवरसीज कांग्रेस के महासचिव वीरेंद्र वशिष्ठ भी दुबई पहुंचे हैं. हरियाणा के रहने वाले वीरेंद्र ने आजतक को बताया कि तैयारियां पूरी हैं, हम एक हफ्ते पहले ही दुबई आ गए और सैम पित्रोदा के नेतृत्व में राहुल गांधी के निर्देश को अमली जामा पहनाएंगे.
दुबई से आजतक से बातचीत करते हुए सैम पित्रोदा ने बताया कि राहुल गांधी जब आए थे तो उन्होंने इन लोगों से बात की थी, वो चाहते हैं कि, हम इनकी जरूरतों और समस्यायों से निपटने का वादा अपने मैनिफेस्टो में करें. हम दो दिन के इस सम्मेलन के बाद जो अहम चीजें सामने आएंगी, उनको मैनिफेस्टो कमेटी के मुखिया पी. चिदम्बरम को सौंप देंगे. फिर वो हमसे और आपस में चर्चा करके पार्टी के मैनिफेस्टो में उसको जगह देंगे. इस सम्मेलन में NRI's के तमाम देशों के संगठनों के मुखियाओं को भी बुलाया गया है.