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पूर्व मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश सरकार से दिया इस्तीफा

हिमाचल प्रदेश के बिजली मंत्री अनिल शर्मा ने शुक्रवार को राज्य सरकार से इस्तीफा दे दिया है. हाल ही में कांग्रेस ने उनके बेटे आश्रय शर्मा को लोकसभा चुनाव के लिए मंडी से उम्मीदवार घोषित किया था.

अनिल शर्मा ने दिया इस्तीफा (फोटो- ANI) अनिल शर्मा ने दिया इस्तीफा (फोटो- ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 9:58 PM IST

हिमाचल प्रदेश के बिजली मंत्री अनिल शर्मा ने शुक्रवार को राज्य सरकार से इस्तीफा दे दिया है. हाल ही में कांग्रेस ने उनके बेटे आश्रय शर्मा को लोकसभा चुनाव के लिए मंडी से उम्मीदवार घोषित किया था.

अनिल शर्मा पर उनकी अपनी पार्टी का दवाब था, क्योंकि उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम ने आश्रय शर्मा के साथ बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. अनिल शर्मा ने उनके बेटे के खिलाफ मंडी से चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करने से मना कर दिया था और इस मुद्दे पर मंत्री पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की थी.

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अनिल शर्मा ने कहा कि उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन वह बीजेपी में बने हुए हैं. वह मंडी से विधायक हैं और पार्टी चाहती थी कि वह लोकसभा प्रत्याशी राम स्वरूप शर्मा के पक्ष में प्रचार करें. उन्होंने कहा था कि वह अपने आपको मंडी से दूर रखेंगे और न तो वह बेटे के पक्ष में और न ही बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करेंगे.

हाल ही में कांग्रेस में वापसी किए सुखराम

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम ने हाल ही में फिर से कांग्रेस में वापसी की. सुखराम के साथ उनके पोते आश्रय शर्मा ने भी कांग्रेस ज्वाइन की. बता दें कि मंडी सीट का वर्ष 1962 से नवंबर 1984 तक सुखराम ने प्रतिनिधित्व किया था. उनके लोकसभा में चुने जाने के बाद 1985 में डी डी ठाकुर ने यह सीट जीती. बीजेपी ने 1990 में इस सीट पर अपना कब्जा किया था.

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साल 1993 के विधानसभा चुनाव में सुखराम के बेटे अनिल शर्मा ने मंडी से जीत हासिल की. सुखराम ने बाद में हिमाचल विकास कांग्रेस का गठन किया. उन्होंने ही 1997 में बीजेपी के साथ मिलकर प्रदेश में पहली बार गठबंधन सरकार बनाई थी. तब बीजेपी नेता प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री थे. पांच साल बीजेपी के साथ रहने के बाद 2004 में सुखराम ने फिर से कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था. तब लोकसभा में सुखराम की पार्टी को एक सीट मिली थी. कांग्रेस ने 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान सुखराम को निष्कासित कर दिया था.

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