
लोकसभा जल्द ही पेपरलेस और हाईटेक होने जा रहा है. सांसदों के लिए एक ऐप तैयार किया जाएगा. साथ ही उनको विशेषज्ञों की मदद से सदन में पेश होने वाले बिल की पूरी जानकारी दी जाएगी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों के विभिन्न पहलुओं के बारे में सांसदों को जानकारी देने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी. इससे सरकार द्वारा सदन में प्रस्तुत किए जाने वाले बिल की पृष्ठभूमि और विस्तार के बारे में बेहतर समझ को विकसित करने में सहायता मिलेगी.
साल 1952 के बाद से सदन में हुए ऐतिहासिक वाद-विवादों का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने कहा कि जल्द ही संसद सदस्यों की सुविधा के लिए एक ऐप भी विकसित किया जाएगा, जिससे उन्हें वाद-विवाद को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दूरदर्शन के अभिलेखागारों में भी खोज की जाएगी.
ओम बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए पहले सत्र की कार्यवाहियों का संचालन करना एक चुनौती भी थी और एक अवसर भी था. यह सत्र 37 दिन चला और इसमें 35 विधेयक पारित किए गए. बिरला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वो अपना सकारात्मक योगदान जारी रखेंगे. साथ ही कहा कि वो दलों के नेताओं और सांसदों प्राप्त हुए सहयोग से बेहद खुश हैं. उन्होंनें कहा कि पहले सत्र में पहली बार निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे ज्यादातर सदस्यों को बोलने का मौका दिया गया है.
बिरला ने यह भी बताया कि लोकसभा सचिवालय के कामकाज को जल्द ही पेपरलेस बनाया जाएगा, जिससे करोड़ो रुपये की बचत होगी और कागज के उपयोग में भी कमी आएगी. उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल तरीकों के उपयोग से सदस्यों को हार्ड कॉपियों को पहुंचाने में होने वाली देरी भी नहीं होगी. सदस्यों को संसदीय पत्रों की ई-कॉपी या हार्डकॉपी प्राप्त करने के लिए विकल्प दिया जाएगा.
बिरला ने यह कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों की अपनी अलग समस्याएं हैं और आम लोग यह देखना चाहते हैं कि उनके निर्वाचित प्रतिनिधि संसद में उनकी समस्याओं को किस प्रकार उठाते हैं? साथ ही किस प्रकार संसद में होने वाले वाद-विवादों के द्वारा महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित किया जाना सुनिश्चित किया जाता है.
लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात की भी जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के निर्माण के संकल्प में संसद भवन के विस्तार और आधुनिकीकरण को भी शामिल करने का आग्रह किया गया है.