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पोखरण में शुरू हुई लंबी दूरी के स्वदेशी 155MM गन की ट्रायल

चीन और पाकिस्तान से मिल रही नई चुनौतियों के बीच भारतीय सेना की आर्टिलरी को एक और देशी-स्वदेशी गन जल्दी ही मिलने जा रही हैं. भारतीय सेना की आर्टिलरी अतिशीघ्र एक और देशी गन से सुसज्जित होने वाली हैं.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
केशवानंद धर दुबे/शरत कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

चीन और पाकिस्तान से मिल रही नई चुनौतियों के बीच भारतीय सेना की आर्टिलरी को एक और देशी-स्वदेशी गन जल्दी ही मिलने जा रही हैं. भारतीय सेना की आर्टिलरी अतिशीघ्र एक और देशी गन से सुसज्जित होने वाली हैं.

देश को पहली उच्च क्षमता की स्वदेशी 155 एम.एम की  (धनुष की सप्लीमेंट) गन अटैगस (ए.टी.ए.जी.एस) एडवांस्ड टाऊड आर्टिलरी गन सिसस्टम के फायरिंग ट्रायल्स जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में शुरु हो गए. जो करीब 20 दिन तक चलेंगे. करीब 35 से 45 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाले इस शक्तिशाली केलीबर गन के ट्रायल के दौरान उसकी गन फायर टेबल भी तैयार की जा रही हैं. डी.आर.डी.ओ द्वारा डिजाईन की गई यह गन जोईन्ट प्रोजेक्ट के तहत निजी सेक्टर कल्याण गुप्र व आर्डिनेंस फेक्ट्री बोर्ड इसका निर्माण करेगा.

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27 अगस्त से शुरु हुए इस ट्रायल के दौरान डी.आर.डी.ओ व सेना के उच्च अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में देश की पहली देशी गन एटैक्स द्वारा अचूक निशाने साधे जा रहे हैं.

जांची-परखी जा रही है गन फायरिंग क्षमता

वर्तमान में 45 किलोमीटर की दूरी तक अलग-अलग क्षमताओं के टार्गेट पर इस गन की फायरिंग क्षमता को जांचा-परखा जा रहा हैं. फायरिंग ट्रायल के दौरान यह गन अपनी क्षमता का अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. देश की सेना की सामरिक क्षमता को मजबूत करने के लिए इस महत्वाकांक्षी देशी गन के ट्रायल देखने के लिए आगामी दिनो में सेना और डी.आर.डी.ओ के कई उच्च अधिकारी जैसलमेर आने वाले हैं.

गौरतलब हैं इससे पूर्व जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में अमरीकन 155 हॉवतिज्र गन एम.777 के ट्रायल्स गत जून माह से चल रहे हैं. यह ट्रायल्स नवंबर माह तक चलेंगे, इससे पहले देशी धनुष गन के ट्रायल भी जैसलमेर में किए गए थे.

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