
मध्य प्रदेश के मु्ख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद शनिवार रात कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पहुंचेंगे. कांग्रेस-जेडीएस के पास अब सीमित समय है, क्योंकि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा में सोमवार को विश्वास मत की मांग की है.
आपको बता दें कि कर्नाटक में सियासी गहराया हुआ है. कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके चलते कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. हालांकि कुमारस्वामी फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं.
शुक्रवार को विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने फ्लोर टेस्ट कराने और बहुमत साबित करने की इजाजत मांगी है. वहीं, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार बागी विधायक नागराज के घर पहुंचे और उनसे इस्तीफा वापस लेने की बात कही. बताया जा रहा है कि इसके बाद नागराज ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया से कहा कि वो अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे और कांग्रेस में बने रहेंगे.
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से मामले में किसी भी तरह का कोई फैसला नहीं लेने को कहा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 16 जुलाई को सुनवाई करेगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात करने को कहा था. शीर्ष अदालत के आदेश के बाद बागी विधायकों ने विधानसभा पहुंचकर स्पीकर रमेश कुमार से मुलाकात की थी.
वहीं, कर्नाटक में जारी सियासी संकट पर बीजेपी करीब से नजर बनाए हुए है. अगर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरती है, तो बीजेपी फौरन सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. इससे पहले भी जब विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था और बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, तो उसने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसके बाद राज्यपाल ने बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दे दी थी. हालांकि जब विश्वास मत साबित करने की बात आई, तो उन्होंने संख्या बल कम देख अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
कर्नाटक में सियासी संकट उस समय देखने को मिला है, जब लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से कांग्रेस में नेतृत्व का संकट गहराया हुआ है. राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने भी अपना पद छोड़ दिया है.