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मध्य प्रदेश में जल संकट, सरकार ने लगाया 'पानी पर पहरा'

पानी को तरस रहे आधे मध्य प्रदेश में ऐसे हालात हैं कि अब कमलनाथ सरकार को पानी पर पुलिस का पहरा देने तक की नौबत आ गई है. एमपी के कई हिस्सों में जल संकट हाहाकार मचा रहा है, कुंए और नलकूप सूखने की कगार पर हैं, तालाबों में पानी न के बराबर तक पहुंच गया है और जहां कहीं थोड़े बहुत पानी के स्रोत बचे हैं वहां लंबी कतार पानी को लेकर तनाव की आशंका बढ़ा रही है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2019,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST

पानी के लिए तरसती मध्य प्रदेश की जनता को पानी मिले न मिले, लेकिन पानी पर पहरा यकीनन मिलेगा. सुनने में हैरानी होगी लेकिन ये स्थिति दरअसल मध्य प्रदेश में हो गई है.‌ कमलनाथ सरकार पानी की किल्लत से बेहाल जनता को पानी मुहैया भले ही नहीं करा पाए, लेकिन पानी के लिए पुलिस वाले पहरेदार जरूर बैठाने जा रही है.

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पानी को तरस रहे आधे मध्य प्रदेश में ऐसे हालात है कि अब कमलनाथ सरकार को पानी पर पुलिस का पहरा देने तक की नौबत आ गई है. एमपी के कई हिस्सों में जल संकट हाहाकार मचा रहा है, कुंए और नलकूप सूखने की कगार पर हैं, तालाबों में पानी न के बराबर तक पहुंच गया है और जहां कहीं थोड़े बहुत पानी के स्रोत बचे हैं वहां लंबी कतार पानी को लेकर तनाव की आशंका बढ़ा रही है.

ऐसे में कांग्रेस सरकार के गृहमंत्री ने जल स्त्रोतों पर पहरा लगाने के पुलिस अधिकारियों को मौखिक निर्देश दिए हैं. 'आजतक' से बात करते हुए गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि गर्मी के दिनों में पानी की आपूर्ति प्रभावित रहती है और ऐसे में इलाकों में टैंकरों से पानी सप्लाई करना पड़ता है लेकिन इस दौरान झगड़ों की आशंका रहती है इसको देखते हुए अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं ताकि ऐसे मामले होने से पहले रोके जा सके.

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वहीं पानी पर पुलिस के पहरे पर अब बीजेपी चुटकी ले रही है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस सरकार को ट्रांसफर पोस्टिंग से हटकर वक्त रहते जनता के लिए पानी कैसे मुहैया कराएं ये सोचना था, लेकिन अब अजीबो-गरीब स्थिति में जहां जनता को सुरक्षा देना चाहिए वहां पानी को सुरक्षा देने की बात कर रहे हैं.

बहरहाल वैसे तो गर्मी में बिजली की कटौती के बीच अब एमपी में पानी को तरसी जनता को प्यास बुझाने के लिए बूंद-बूंद की मारामारी है, लेकिन सरकार अगर पानी के पहरे में वर्दी वालों से बेहतर पानी के इंतजामों पर जोर दे तो शायद जनता को राहत मिल सके.

मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्य पानी की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं. तापमान बढ़ने के साथ पानी की किल्लत लोगों को बहुत परेशान कर रही है. मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी से 15 बंदरों की भी मौत हो गई है.  गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में गर्मी ने इस वर्ष दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. राजधानी भोपाल में 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पारा 45.9 डिग्री तक पहुंच गया था, जो सामान्य से 7 डिग्री अधिक है. गर्मी के सितम का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार को गर्मी और लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी करनी पड़ी.

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