
मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को सरकारी अस्पताल में खून चढ़ाने के दौरान एचआईवी का शिकार हुई एक महिला को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. संक्रमित रक्त चढ़ाने की वजह से HIV की चपेट में आने वाली इस महिला को राज्य स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग पहले ही नौकरी दे चुका है.
23 वर्षीय प्रेग्नेंट महिला को अस्पताल के स्टाफ ने एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा किया. यह घटना तब सामने आई जब महिला बीमार पड़ने लगी और उसे इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया. इस खबर के सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया था.
एचआईवी संक्रमित खून एक व्यक्ति ने 30 नवंबर को डोनेट किया था. उसने विदेश जाने के पहले विरधुनगर के एक प्राइवेट अस्पताल में खून टेस्ट कराया था, जिसमें वह एचआईवी पॉजिटिव पाया गया था. शक होने पर उसने फिर शिवकाशी के सरकारी अस्पताल में खून डोनेट किया. वहां भी खून एचआईवी पॉजिटिव निकला.
इसके कुछ दिन बाद ही 3 दिसंबर को अस्पताल में प्रेग्नेंट महिला एनीमिया की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची. जहां उसकी मेडिकल जांच के बाद उसे डॉक्टरों ने रक्त चढ़ाने की सलाह दी थी. यहां उसे एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया.