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मद्रास हाईकोर्ट ने रेपिस्ट और पीड़ित के बीच समझौते का विवादित फैसला लिया वापस

मद्रास हाई कोर्ट ने रेप के मामलों में नरम रुख अपनाने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रेपिस्ट और पीड़िता के बीच मध्यस्थता का निर्देश देने वाला अपना विवादास्पद आदेश शनिवार को वापस ले लिया.

मद्रास हाई कोर्ट मद्रास हाई कोर्ट
aajtak.in
  • चेन्नई,
  • 11 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

मद्रास हाई कोर्ट ने रेप के मामलों में नरम रुख अपनाने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रेपिस्ट और पीड़िता के बीच मध्यस्थता का निर्देश देने वाला अपना विवादास्पद आदेश शनिवार को वापस ले लिया.  न्यायमूर्ति पी देवदास ने 23 जून के अपने आदेश में एक अनाथ लड़की (15) के साथ रेप के मामले में सात साल की सजा पाए रेपिस्ट वी. मोहन को मध्यस्थता के निर्देश दिए थे. इससे विवाद छिड़ गया था.

न्यायमूर्ति देवदास ने अपने आदेश में कहा, 'मध्य प्रदेश बनाम मदनलाल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में पक्षों को मध्यस्थता के लिए जाने का निर्देश देने वाला इस कोर्ट का पूर्व आदेश वापस लिया जाता है. याचिकाकर्ता को दी गई अंतरिम जमानत रद्द की जाती है.' सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के मद्देनजर कोर्ट ने मध्यस्थता केन्द्र के प्रभारी अधिकारी को पक्षों को मध्यस्थता में शरीक होने से रोकने के निर्देश दिए.

न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को मामले में अपने नवीनतम आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए. न्यायाधीश ने आरोपी को 13 जुलाई को कुडलोर में महिला अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया. महिला अदालत से उसे गिरफ्तार करके केन्द्रीय कारागार भेजने का निर्देश दिया.

इनपुट- भाषा

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