
उत्तर प्रदेश के मदसरों पर राज्य की सत्ताधारी योगी सरकार का खास ध्यान है. यही वजह है कि मदरसों के आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है. मदरसों को ऑनलाइन करने के बाद अब मदरसा बोर्ड नई तैयारी में जुट गया है. यहां अब मजहबी किताबों के साथ-साथ एनसीईआरटी की किताबें भी पढ़ाई जाएंगी. यानी मदरसों में आलिम की पढ़ाई से कहीं अब ज्यादा जोर एनसीईआरटी की शिक्षा पद्धति पर होगा.
यूपी के मदसरों के पाठ्यक्रम में भी NCERT की किताबों को शामिल किए जाने की तैयारी है और खास तौर पर गणित और विज्ञान की किताबें एनसीईआरटी की होंगी. योगी सरकार से हरी झंडी मिलते ही मदरसा बोर्ड एनसीईआरटी की किताबें शामिल करने की तैयारियों में जुट गया है और जल्द ही उत्तर प्रदेश के दो हजार से ज्यादा सरकारी मदरसों में एनसीईआरटी की किताबें दिखाई देगी.
इस बात की जानकारी ख़ुद उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने ट्वीट कर दी है. दिनेश शर्मा ने बीजेपी के उस एजेंडे को ट्वीट किया है जिसमें लिखा है कि अब मदरसों में एनसीईआरटी की किताबें चलेंगी साथ ही गणित और विज्ञान के विषयों पर मदरसों में ज्यादा जोर होगा.
इससे पहले राज्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने उन सभी मदरसों को जो सरकारी अनुदान पाते हैं या किसी भी तरीके से सरकार से जुड़े हैं उन्हें ऑनलाइन करने के डेडलाइन दी थी. पूरे प्रदेश भर में ढाई हजार मदरसों में से तकरीबन 2 हजार मदरसों ने खुद को न सिर्फ ऑनलाइन किया बल्कि सरकार की तरफ से मांगी गई तमाम जानकारी को भी ऑनलाइन कर दिया है. राज्य के जिन सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों ने यह आदेश मानने से इनकार किया है उनकी मान्यता पर तलवार लटकने लगी है. मदरसों की सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है.