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मदरसों में बंद हो उर्दू और अरबी की पढ़ाई, ब्रिटेन से सीख लें PM: शिवसेना

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखा है, 'भारत के मदरसों में उर्दू और अरबी की जगह अंग्रेजी या हिंदी को महत्व दिया जाना चाहिए.'

शि‍वसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शि‍वसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे
स्‍वपनल सोनल
  • मुं‍बई,
  • 20 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:26 PM IST

महाराष्ट्र में फड़नवीस सरकार की सत्ता के सारथी शिवसेना ने एक बार फिर 'मदरसा राग' छेड़ा है. पार्टी ने बुधवार को कहा कि देश के मदरसों में उर्दू और अरबी की पढ़ाई बंद की जानी चाहिए और उनकी जगह अंग्रेजी या हिंदी को लाया जाना चाहिए. श‍िवसेना ने इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उन्‍हें ब्रिटेन की सरकार से सीख लेने की सलाह दी है.

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शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखा है, 'भारत के मदरसों में पढ़ाई के माध्यम के रूप में उर्दू और अरबी का इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए और उनका स्थान अंग्रेजी या हिंदी को दिया जाना चाहिए.'

आगे ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए पार्टी ने लिखा है, 'ब्रिटेन में अपने पति के साथ जीवनसाथी वीजा पर रह रहीं महिलाओं को अंग्रेजी नहीं बोल पाने पर उनके देश वापस भेजने की चेतावनी दी गई है. अगर सरकार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की तरह साहस दिखाए तो भारत को फायदा हो जाएगा.'

'निवेश तो ले आएंगे, लेकिन साहस का क्या...'
पार्टी ने 'सामना' में लेख के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिमंडल के उनके सहयोगियों पर तंज भी कसा है. शि‍वसेना ने लिखा है कि पीएम और उनका मंत्रीमंडल दूसरे देशों की यात्रा करके निवेश लाने में तो सफल हो सकते हैं, लेकिन देश के भीतर मौजूद दुश्मनों से लड़ने के लिए साहस कहां से आएगा? शिवसेना ने यह भी कहा कि सरकार को साहस दिखाना चाहिए और समान नागरिक संहिता लागू करनी चाहिए.

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शि‍वसेना ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू करवाने की भी वकालत की है.

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