
अयोध्या विवाद में पक्षकार और अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदीय निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास का कहना है कि अयोध्या मामले में रोज सुनवाई होनी चाहिए. उनका कहना है कि अगर कुछ काम किया जाना है तो उसे जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए.
महंत धर्मदास का कहना है कि मुसलमानों और विपक्षी दलों के पास कोई कागजात नहीं है. वे सिर्फ कार्यवाही में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि जल्द ही राम मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा.
बहरहाल, रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. सर्वोच्च अदालत ने अपनी परंपरा को तोड़ते हुए इस मामले की सुनवाई हफ्ते में पांच दिन करने का फैसला किया है. लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से इस फैसले पर असमर्थता जाहिर की गई है. शुक्रवार को जब अदालत में मामले का सुनवाई शुरू हुई तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने चीफ जस्टिस के सामने अपनी बात रखी.
दरअसल, शुक्रवार को सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोर्ट के सामने अपील की गई है कि वह हफ्ते में पांच दिन सुनवाई के लिए कोर्ट की मदद नहीं कर सकते हैं.
सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से वकील राजीव धवन ने अदालत से कहा कि ये सिर्फ एक हफ्ते का मामला नहीं है, बल्कि लंबे समय तक चलने वाला केस है. उन्होंने कहा कि हमें दिन-रात अनुवाद के कागज पढ़ने होते हैं और अन्य तैयारियां करनी पड़ती हैं. इस पर CJI रंजन गोगोई ने कहा है कि हमने आपकी बात सुन ली है, हम आपको बताएंगे.
आपको बता दें कि 6 अगस्त से अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हुई है. रोजाना सुनवाई के तहत हफ्ते में तीन दिन मंगल-बुध-गुरुवार को मामला सुना जाता है. लेकिन गुरुवार को सर्वोच्च अदालत ने फैसला किया कि वह हफ्ते में पांच दिन इस मामले को सुनेगा.
यानी अगले हफ्ते से ये केस पांच दिन सुना जाएगा. सोमवार को ईद है इसलिए सुप्रीम कोर्ट बंद रहेगा, ऐसे में 13 अगस्त से लेकर 16 अगस्त तक मामला सुना जाएगा. वैसे अब हर हफ्ते सोमवार से शुक्रवार तक केस की सुनवाई अदालत में होगी.