
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर पेच फिर से फंस गया है. कांग्रेस ने अबतक अपना रुख साफ नहीं किया है. इससे पहले खबरें आई थी कि कांग्रेस पार्टी शिवसेना-एनसीपी को बाहर से समर्थन दे सकती है, लेकिन 10 जनपथ में कांग्रेस की लंबी बैठक के बाद खबर आई कि कांग्रेस ने अबतक शिवसेना को समर्थन देने के बावत अंतिम फैसला नहीं लिया है. कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शरद पवार से बात की है और आगे का फैसला लेने से पहले सोनिया गांधी शरद पवार से एक बार फिर से बात करेंगी.
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बता दें कि इससे पहले सोनिया गांधी ने जयपुर में ठहरे महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायकों से बात की और शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर उनकी मंंशा पूछी. कांग्रेस के विधायकों ने सरकार में शामिल होने पर सहमति और इच्छा जताई. जयपुर में कांग्रेस के विधायक नितिन राउत ने रिजॉर्ट के बाहर कहा कि उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को बता दिया है कि वे लोग महाराष्ट्र में सरकार बनाना चाहते हैं.
राज्यपाल से शिवसेना को झटका
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे और एकनाथ खड़से ने सोमवार को मुंबई में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और सरकार गठन के लिए 48 घंटे का और वक्त मांगा, लेकिन राज्यपाल ने शिवसेना को वक्त देने से मना कर दिया है. राज्यपाल से मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी सत्यवचनी सरकार बनाने के लिए प्रयासरत है. आदित्य ठाकरे ने कहा कि उनका दावा अभी खारिज नहीं हुआ है. बता दें कि राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए कहा था और सोमवार शाम 7.30 बजे तक का वक्त दिया था, लेकिन शिवसेना अबतक जरूरी विधायकों का जुगाड़ नहीं कर सकी है.
शिवसेना को चाहिए और समय
महाराष्ट्र में सरकार बनाने की तैयारी करने के लिए शिवसेना एनसीपी से और वक्त मांग सकती है. इधर एनसीपी चाहती है कि शिवसेना का कोई सीनियर नेता मुख्यमंत्री पद संभाले. इस बीच खबर है कि शिवसेना ने गठबंधन के लिए एनसीपी को प्रस्ताव भेजा है. इसमें राज्य के मुद्दे, कृषि, किसान, रोजगार और बुनियादी ढांचा जैसे मुद्दे शामिल हैं. माना जा रहा है कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में कोई भी राष्ट्रीय मुद्दा नहीं होगा. ऐसा ही प्रस्ताव शिवसेना की ओर से कांग्रेस को भेजा गया है.