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बापू की 70वीं पुण्यतिथि आज, मोदी-मनमोहन ने राजघाट जाकर दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दे सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा, ''पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि''.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
मोहित ग्रोवर/सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 70वीं पुण्यतिथि है. आज ही के दिन 1948 में नाथूराम गोडसे ने तीन गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी. आज देशभर में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, आर्मी चीफ बिपिन रावत समेत कई बड़े हस्तियों ने राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी. उन्होंने लिखा, ''पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि''.

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Prime Minister Narendra Modi paid tribute to #MahatmaGandhi at Rajghat on his 70th death anniversary. Defence Minister Nirmala Sitharaman, General Bipin Rawat, Navy chief Admiral Sunil Lanba & Air Chief Marshal Birender Singh Dhanoa also present. pic.twitter.com/2rmw4E6Gm7

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गांधी स्मृति पर जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी. 

उर्दू में दर्ज एफआईआर में है पूरी वारदात

बता दें कि 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, बापू की हत्या की एफआईआर उसी दिन यानी 30 जनवरी को दिल्ली के तुगलक रोड थाने में दर्ज की गई थी. एफआईआर उर्दू में लिखी गई थी जिसमें पूरी वारदात के बारे में बताया गया था.

दिल्ली के तुगलक रोड के रिकॉर्ड रूम  में आज भी वो एफआईआर संभाल कर रखी गई है, एफआईआर को बाकायदा लेमिनेशन करवा कर रखा गया है, अगर कभी भी बापू की हत्या का मामला फिर से खुलता है और जांच नए सिरे से शुरू होती है तो इसी एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की जाएगी.

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नहीं होगी हत्या की दोबारा जांच

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या मामले की अब दोबारा जांच नहीं होगी. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी जरूरी कागजातों की जांच करने वाले वकील अमरेंद्र सरन ने कोर्ट में जानकारी दी है. उन्होंने बताया था कि बापू की हत्या करने में नाथूराम गोडसे के अलावा किसी और के होने के सबूत नहीं मिले हैं. 

फॉर बुलेट थ्योरी की बात गलत

उन्होंने कोर्ट में जानकारी दी थी कि जिस फॉर बुलेट थ्योरी की बात होती है उसका भी कोई सबूत नहीं है. बता दें कि पंकज फडनीस की एक थ्योरी थी कि गांधी की हत्या चार गोलियां मार कर हुई थी.  

आपको बता दें कि सु्प्रीम कोर्ट ने इस मामले में पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सीनियर वकील अमरेन्द्र शरण को न्याय मित्र नियुक्त किया था. इस याचिका में गांधी हत्याकांड में ‘तीन बुलेट की कहानी’ पर प्रश्न चिह्न लगाने के साथ यह सवाल भी उठाया गया था कि क्या नाथूराम गोडसे के अलावा किसी अन्य व्यक्ति ने चौथी बुलेट भी दागी थी?

इस हत्याकांड में अदालत ने 10 फरवरी, 1949 को गोडसे और आप्टे को मौत की सजा सुनाई थी. वहीं विनायक दामोदर सावरकर को साक्ष्यों की कमी के कारण संदेह का लाभ दे दिया गया था. पूर्वी पंजाब हाई कोर्ट द्वारा 21 जून, 1949 को गोडसे और आप्टे की मौत की सजा की पुष्टि के बाद दोनों को 15 नवंबर, 1949 को अंबाला जेल में फांसी दे दी गयी थी.

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