
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना संकट को लेकर शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने राज्य में लॉकडाउन से जुड़े कई अहम फैसलों की घोषणा भी की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब ममता बनर्जी से पूछा गया कि 31 मई के बाद उठाए जाने वाले कदम को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें फोन किया या नहीं तो उन्होंने जवाब दिया कि अभी तक उनकी कोई कॉल नहीं रिसीव हुई है. गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लॉकडाउन-4 पर गुरुवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की थी और उनके विचार जाने थे.
ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि 1 जून से राज्य में सभी धार्मिक स्थल खोल दिए जाएंगे. इसके अलावा 8 जून से सभी सरकारी और गैर सरकारी दफ्तर खोल दिए जाएंगे, इसके लिए कर्मचारियों की कोई संख्या भी सीमित नहीं रखी गई है यानी सभी कर्मचारी अब ऑफिस जा सकेंगे.
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ममता ने इसके साथ ही राज्य के सभी राजमार्ग और जिले की सड़कों को भी दोबारा खोल देने की घोषणा की है. ममता ने इसके अलावा जूट इंडस्ट्री से भी जुड़ा एक अहम कदम उठाया है. ममता बनर्जी ने शुक्रवरा के अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक जून से राज्य में जूट इंडस्ट्री को दोबारा खोल दिया जाएगा. जूट इंडस्ट्री में भी सभी कर्मचारियों को वापस काम पर जाने की छूट दे दी गई है.
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रेलवे पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा क्या श्रमिक एक्सप्रेस के नाम पर वे लोग इसे कोरोना एक्सप्रेस में बदलना चाहते हैं. आपके पास पर्याप्त क्षमता है. मैं भी रेल मंत्री रह चुकी हूं, मैं जानती हूं. अतिरिक्त ट्रेनें क्यों नहीं चलाई जा रही हैं. बोगियां बढ़ाइये, राज्य सरकार पूरा खर्च उठाएगी. अभी भी ये लोग अमानवीय परिस्थितियों में घंटों की तकलीफदेह यात्रा कर रहे हैं. श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों पर तंज करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि गांव वाले इससे डर रहे हैं. वो कहते हैं कोरोना एक्सप्रेस आ गई.
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