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हादसे पर ममता ने कहा- पुलों के नीचे न रहें लोग, हम करेंगे रहने का बंदोबस्त

बंगाल में बीते दो साल में दो पुल हादसे हो चुके हैं लेकिन सरकार है कि आरोप-प्रत्यारोप में उलझी है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बजाय प्रशासन इस बात में उलझा है कि पुल किस सरकार या विभाग ने बनवाया.

ममता बनर्जी की फोटो एएनआई से ममता बनर्जी की फोटो एएनआई से
रविकांत सिंह/इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता,
  • 06 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:25 PM IST

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माझेरहाट पुल हादसे पर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. ममता ने कहा कि जो लोग पुलों के नीचे रहते हैं, उनसे आग्रह है कि वे वहां न रहें. सरकार ऐसे लोगों की हरसंभव मदद को तैयार है.

बंगाल की मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'मैं लोगों से पुलों के नीचे न रहने का आग्रह करती हूं. अगर उनके पास रहने के लिए जगह नहीं है, तो वे हमें बताएं. हम लोग उनके रहने का बंदोबस्त करने की पूरी कोशिश करेंगे.' ममता ने आगे कहा, पुल हादसे में मैं सभी केंद्रीय एजेंसियों से भी मदद की उम्मीद करती हूं.

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इंडिया टुडे के एक सवाल पर ममता ने कहा, 'पुल हादसे का मीडिया ट्रायल न करें, समस्या पर हम संज्ञान ले रहे हैं. मैंने सभी पुलों की जांच का निर्देश दिया है. माझेरहाट हादसे में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'

ममता बनर्जी ने इस हादसे के बाद पुलों को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इस बाबत एक बैठक राज्य सचिववालय नबन्ना में हुई, जिसमें कोलकाता और बंगाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. गौरतलब है कि दक्षिण कोलकाता के माझेरहाट में एक पुल का एक हिस्सा मंगलवार को लगभग 4.30 बजे ढह गया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम 19 अन्य घायल हो गए. जबकि दो लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं.

दो साल में दो हादसे

कोलकाता में यह कोई पहली घटना नहीं है. 2016 में भी एक पुल हादसा हुआ था. 31 मार्च, 2016 में निर्माणाधीन विवेकानंद फ्लाईओवर का हिस्सा गिर गया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी और 80 लोग घायल हुए थे.

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आरोप-प्रत्यारोप में फंसा हादसा

माझेरहाट हादसे के बाद प्रशासन में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया. हादसे का जायजा लेने पहुंची बीजेपी सांसद रूपा गांगुली ने इसके लिए प्रशासन की लापरवाही को दोषी माना, तो वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार ने कहा कि इस पुल की जिम्मेदारी मेट्रो-रेल विभाग की थी. वहीं मेट्रो की ओर से कहा गया है कि इससे हमारा लेना-देना नहीं है. राज्य सरकार ने कहा कि पुल का निर्माण कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट ने किया था, जबकि ट्रस्ट ने इनकार किया है.

समिति के हवाले जांच

पुल के ढह जाने के कारणों का पता लगाने के लिए मुख्य सचिव मलय डे की अगुवाई में एक समिति को जिम्मा सौंपा गया है. सीएम बनर्जी ने कहा, उन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी जिनकी लापरवाही से यह हादसा हुआ, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने इस हादसे में मारे गए व्यक्ति के परिवार के लिए पांच लाख रुपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए की घोषणा की.

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