
2019 के लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक पार्टियों में हलचल तेज हो गई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीसरे मोर्चा बनाने की तैयारी कर रही हैं, और नई दिल्ली में कई पार्टी के नेताओं से उनकी मुलाकात जारी हैं. अपने दिल्ली दौरे के तीसरे दिन ममता बनर्जी भारतीय जनता पार्टी के बागी नेताओं से चर्चा करेंगी. इन नेताओं में 'बिहारी बाबू' शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी शामिल हैं.
इन बड़े नेताओं के अलावा ममता बनर्जी देर शाम यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकती हैं. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ भी ममता की मुलाकात के कयास लगाए जा रहे हैं.
कब-किससे होगी मुलाकात?
ममता बनर्जी शाम चार बजे बीजेपी नेता अरुण शौरी, शाम साढ़े चार बजे यशवंत सिन्हा से मिलेंगी. इसके बाद शाम 6 बजे उनकी मुलाकात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हो सकती है. ममता बनर्जी शाम 7 बजे यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी से भी मिलेंगी. सोनिया और ममता की मुलाकात 10 जनपथ पर होगी.
गौरतलब है कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबले के लिए ममता बनर्जी ने फेडरल फ्रंट खड़ा करने की बात कही है और इन्हीं कोशिशों के मद्देनजर ममता ने मंगलवार को एनसीपी, शिवसेना, टीआरएस, टीडीपी, आरजेडी और सपा के नेताओं से मुलाकात की थी.
अभी तक किन नेताओं से मिली हैं ममता?
- एनसीपी: शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल
- शिवसेना: संजय राउत
- राजद: मीसा भारती (लालू यादव की बेटी)
- तेदेपा: वाईएस चौधरी
- टीआरएस: के. कविता
- बीजद: पिनाकी मिश्रा
- द्रमुक: सांसद कनिमोझी
गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी राजनीतिक दलों से मुलाकात करने के बाद एक सवाल के जवाब में ममता बनर्जी ने कहा कि जब राजनीति से जुड़े लोग मुलाकात करते हैं, तो निश्चित रूप से राजनीति पर चर्चा होगी. यहां कुछ भी छिपा नहीं हैं. साल 2019 का लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होगा.
इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कोलकाता जाकर ममता बनर्जी से थर्ड फ्रंट बनाने की संभावना को लेकर चर्चा की थी, जिसके बाद दोनों नेताओं ने गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी फ्रंट की बात पर जोर दिया था. अब देखना यह है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए एकजुट पार्टियां कहां तक अपने उद्देश्य में सफल होती हैं.