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धरने पर बैठीं ममता बोलीं- जान दे दूंगी लेकिन समझौता नहीं करूंगी

पश्चिम बंगाल पुलिस और सीबीआई के बीच छिड़ा घमासान अब ममता सरकार बनाम मोदी सरकार हो चला है. 13 साल पहले सिंगूर आंदोलन के तहत मेट्रो चैनल पर धरने पर बैठीं ममता बनर्जी एक बार फिर आर-पार के मूड में हैं.

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मनोज्ञा लोइवाल
  • कोलकाता,
  • 04 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

शारदा चिट फंड घोटाला मामले में सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कोलकाता के मेट्रो चैनल पर धरना जारी है. रविवार रात से धरने पर बैठी ममता बनर्जी मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी धरना स्थल से ही निभा रही हैं. फिर चाहे सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार के बजट के लिए कैबिनेट की बैठक हो या पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करने का कार्यक्रम. इस मौके पर उन्होंने कहा कि वे अपनी जान दे देंगी लेकिन समझौता नहीं करेंगी.

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार पश्चिम बंगाल पुलिस के एक कार्यक्रम में कहा कि इससे पहले जब टीएमसी के नेताओं को हाथ लगाया गया तब मैं सड़क पर नहीं उतरी. लेकिन इन लोगों ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर की कुर्सी को अपमानित करने की कोशिश की तो मुझे मैदान में उतरना पड़ा. बता दें कि इससे पहले बीजेपी की तरफ से आरोप लगाया जा रहा था कि ममता बनर्जी शारदा मामले में राजदार कमिश्नर राजीव कुमार को बचाने के लिए धरने पर बैठी हैं.

ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल पुलिस के एक कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों को उनकी उल्लेखनीय सेवा के लिए सम्मानित किया. उन्होंने विभिन्न पुलिस अधिकारियों को उनकी सेवा के लिए 189 मेडल बांटे. पहले यह कार्यक्रम कहीं और होना था लेकिन मुख्यमंत्री के धरने पर बैठने की वजह से कार्यक्रम को मेट्रो चैनल स्थित धरना स्थल पर शिफ्ट कर दिया गया. इस मौके पर ममता बनर्जी ने कार्यक्रम का वेन्यू बदलने के लिए पुलिस अधिकारियों से माफी मांगी.

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ममता बनर्जी ने कहा कि सरकारी मशीनरी दिन रात बिना थके अपना काम कर रही है. मुझे अपनी पुलिस पर गर्व है. जिन्होंने हर तरह के मौसम में अपने परिवार को छोड़कर लोगों के परिवार की सेवा की है. हमारी पुलिस दुनिया की किसी भी फोर्स से बेहतर है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा जो लोग यहां कानून-व्यवस्था खराब होने का हवाला देते हैं, वे कहां से हैं. पूरे बंगाल में 1 करोड़ दुर्गा पूजा होती हैं. इस दौरान हमारे जवान पूजा के आयोजकों और क्लब के साथ मिलकर काम करते हैं. गंगासागर मेला से लेकर दुर्गा पूजा तक सभी कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से होते हैं, और कभी भी कोई परेशानी नहीं आई. उन्होंने कहा कि वे उन लोगों के मुंह पर टेप लगाना चाहती हैं जो कहते हैं कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था खराब है.

आपको बता दें कि शारदा चिट फंड घोटाला मामले में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए रविवार को सीबीआई के अधिकारी कोलकाता पहुंचे थे. इससे पहले कि वे कमिश्नर के घर में दाखिल होते पुलिस ने उन्हें रोक दिया और सीबीआई अधिकारियों को हिरासत में ले लिया. देर रात तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामा में पश्चिम बंगाल की पुलिस और सीबीआई आमने-सामने आ गए.

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लेकिन मामला ममता सरकार बनाम मोदी सरकार में तब्दील हो गया, जब मुख्यमंत्री स्वयं कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुंचीं. और केंद्र पर तानाशाही रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाते हुए कोलकाता के मेट्रो चैनल पर धरने पर बैठ गईं. यहां बताना जरूरी है मेट्रो चैनल वही जगह है जहां 13 साल पहले सिंगूर आंदोलन के तहत ममता बनर्जी ने 26 दिनों तक अनशन किया. ममता के इस आंदोलन की वजह से बंगाल में वाम दलों का किला धाराशाई हो गया था.

अब ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं और 13 साल बाद उन्होंने अपने धरने के लिए उसी मेट्रो चैनल को चुना है. जाहिर है इस स्थान से वे बड़ा राजनीतिक संदेश देना चाहती हैं.

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