
मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को खुद को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का 'गोपनीय बेटा' बताने वाले को फटकार लगाते हुए उसके द्वारा जमा कराए गए दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए.
न्यायमूर्ति आर महादेवन ने कहा, 'मैं इस शख्स को सीधे जेल भेज सकता हूं. मैं पुलिस अधिकारियों से कहूंगा कि उसे सीधे जेल में ले जाएं'. न्यायाधीश ने उस शख्स को शनिवार को पुलिस आयुक्त के सामने खुद पेश होकर उन्हें जांच के लिए मूल दस्तावेज सौंपने को कहा.' जे कृष्णामूर्ति नाम के इस शख्स ने अदालत में कहा कि वह जयललिता और तेलगु अभिनेता शोभन बाबू की संतान है.
उसने गोद लेने के दस्तावेज समेत कुछ कागजात भी अदालत के समक्ष रखे, उसने खुद को जयललिता का बेटा घोषित करने में मदद की मांग की, उसने कहा कि बेटे के तौर पर जयललिता के पोएश गार्डन स्थित घर समेत उनकी संपत्तियों पर उसका हक है.
याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की कि वह राज्य के पुलिस महानिदेशक को उसे सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दें क्योंकि उसे जयललिता की सहयोगी और अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला के परिवार से खतरे की आशंका है.
यह याचिका उच्च न्यायालय के पंजीयन कार्यालय में एक हफ्ते पहले दायर की गयी थी और शुक्रवार को यह स्वीकार करने योग्य है या नहीं इसे गुणदोष के आधार पर देखा जाना था. न्यायाधीश ने कहा कि याचिकाकर्ता ने 'मनगढ़ंत' दस्तावेज बनाए हैं.