
भारतीय राजनीति में मणिशंकर अय्यर ऐसे राजनेता हैं, जिनकी जुबान वक्त बे-वक्त फिसली रहती है. अय्यर ने पहली बार नरेंद्र मोदी पर निजी टिप्पणी नहीं की है. इससे पहले भी कई बार उन्होंने पीएम मोदी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सहित बीजेपी के कई नेताओं के खिलाफ बदजुबानी कर चुके हैं. मणिशंकर अय्यर के बयान से कांग्रेस को शर्मिदगी का सामना करने के साथ-साथ राजनीतिक नुकसान भी उठाना पड़ा है.
मोदी को 'नीच' बताया
राजनयिक से नेता बने मणिशंकर अय्यर ने गुजरात विधानसभा चुनावों के पहले चरण के लिए प्रचार के अंतिम दिन गुरुवार को नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी करते हुई 'नीच' शब्द का इस्तेमाल किया था. अय्यर की इस टिप्पणी के बाद बीजेपी हमलावर हो गई. नरेंद्र मोदी ने सूरत की रैली में अय्यर के बयानों का जिक्र करके कांग्रेस को घेरा. हालांकि, कांग्रेस ने कुछ घंटे के अंदर ही अय्यर को निलंबित कर दिया लेकिन जो सियासी माहौल बनना था बीजेपी ने उसे हवा दे दी.
मणिशंकर अय्यर ने पहले भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ बदजुबानी की थी. इससे पहले भी 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अय्यर ने नरेंद्र मोदी को 'चायवाला' बोला था. इतना ही नहीं अय्यर ने उस समय दावा किया था कि मोदी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते और वह उस समय जारी कांग्रेस सम्मेलन में चाय ही बेच सकते हैं.
बीजेपी ने अय्यर के इस बयान को जमकर राजनीति में भुनाया था. मोदी ने अपनी सामान्य पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए अपने प्रचार में इसका कई बार जिक्र किया और कांग्रेस पर निशाना साधा था.
पाकिस्तान से किया था मोदी सरकार पर हमला
मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तानी टीवी चैनल पर साक्षात्कार के दौरान सुझाव दिया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति केवल तब संभव है जब मोदी सरकार गिर जाए. उन्होंने पाकिस्तान से बीजेपी सरकार को गिराने में मदद को भी कहा.
अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ कर चुके हैं बदजुबानी
बता दें कि अय्यर ने सिर्फ नरेंद्र मोदी ही नहीं, बल्कि कई बीजेपी नेताओं पर बदजुबानी पेश कर चुके हैं. 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी को ‘नालायक’ कहा था. अय्यर ने बवाल मचने पर उन्हें माफी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा था. बात दें कि उस समय भी अय्यर ने आज जैसा ही बचाव किया था और कहा था कि वह दक्षिण भारत के होने के चलते हिंदी के शब्दों का आशय नहीं समझते हैं.