
मणिपुर में इनर लाइन परमिट सिस्टम का ऐलान होने के बाद जश्न का माहौल है. पूरे मणिपुर में आज सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया गया है. यह ऐलान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के बाद किया गया.
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि नागरिकता संशोधन बिल लागू होने से पहले मणिपुर में इनर लाइन परमिट सिस्टम को लागू किया जाएगा. फिलहाल यह परमिट अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड के साथ अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से लगे क्षेत्रों में लागू है.
मणिपुर में जहां खुशी मनाई जा रही है वहीं असम और त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में नागरिकता संशोधन बिल का जमकर विरोध किया जा रहा है. असम और त्रिपुरा में तमाम संगठनों ने बंद का आह्वान किया हुआ है.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी इंडीजीनस पीपल फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) सहित कई आदिवासी समूहों ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बंद का आयोजन किया, जिसके चलते त्रिपुरा ट्राइबल एरिया ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) के क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित रहा.
इसकी वजह से त्रिपुरा में सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुए और हजारों यात्री बीच रास्ते में फंसे रहे, क्योंकि बंद समर्थक कार्यकर्ताओं ने त्रिपुरा और देश के बाकी हिस्सों के बीच चलने वाले वाहनों और ट्रेनों को आगे जाने से रोक दिया. पुलिस ने कहा कि टीटीएएडीसी क्षेत्रों में कहीं से कोई बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है.
10,491 वर्ग किलोमीटर के दो-तिहाई क्षेत्र पर अधिकार वाले इस क्षेत्र में 12 लाख से अधिक लोग रहते हैं, जिसमें ज्यादातर आदिवासी हैं. किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) सहित भारी संख्या में बलों की तैनात की गई है.
असम से होते हुए देश के शेष हिस्सों के साथ त्रिपुरा को जोड़ने वाली एकल रेल लाइन और हाईवे को अवरुद्ध करने को लेकर पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है. बंद के चलते त्रिपुरा यूनिवर्सिटी (केंद्रीय विश्वविद्यालय) और महाराजा बीर बिक्रम विश्वविद्यालय (त्रिपुरा सरकार के तहत) दोनों ही विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया.