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पंजाब में चुनाव लड़ना चाहते हैं मनीष तिवारी, पार्टी पर छोड़ा फैसला

पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने चुनावों के ऐलान बाद बजट पेश होने की तरीख पर सवाल उठाएं हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार नतीजों के बाद बजट पेश किया गया था. पंजाब और गोवा में चार फरवरी को चुनाव होने हैं ऐसे में एक फरवरी को बजट पेश नहीं किया जाना चाहिए.

मनीष तिवारी मनीष तिवारी
सुप्रिया भारद्वाज
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  • 04 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:05 PM IST

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. मनीष तिवारी ने कहा कि वो लुधियाना ईस्ट से चुनाव लड़ना चाहते हैं और उन्होंने पार्टी को इस बारे में बता भी दिया है.

मनीष तिवारी लुधियाना से लोकसभा सीट से सांसद भी जीत चुके हैं. उन्होंने अपनी उम्मीदवारी पर कहा कि टिकट का फैसला पार्टी आलाकमान को करना है. 2014 का आम चुनाव ला लड़ने पर उनका कहना है कि आम चुनाव के बाद ऐसी अफवाह फैलाई गईं कि मैंने चुनाव में हार के डर से ना लड़ने का फैसला किया था. दरअसल ह्रदय रोग के चलते मनीष तिवारी आम चुनाव नहीं लड़े थे.

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पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने चुनावों के ऐलान बाद बजट पेश होने की तरीख पर सवाल उठाएं हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार नतीजों के बाद बजट पेश किया गया था. पंजाब और गोवा में चार फरवरी को चुनाव होने हैं ऐसे में एक फरवरी को बजट पेश नहीं किया जाना चाहिए. इससे मतदाता पर असर पड़ेगा. बजट को या तो वोटिंग से पहले पेश किया जाए या फिर चुनाव के नतीजे आने तक टाला जाना चाहिए.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ पूर्व सेना प्रमुख जे जे सिंह के चुनाव लड़ने पर मनीष तिवारी ने कहा है कि मैं जनरल साहब से निवेदन करना चाहूंगा कि वो अकाली दल के जाल में ना फंसे. अमरिंदर सिंह ने पटियाला के लिए बहुत काम किया है और अकाली को वहां से चुनाव लड़ाने के लिए कोई और उम्मीदवार नहीं मिला.

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