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नायडू की बुक लॉन्च, मोदी बोले- अनुशासन दिखाने वालों को कहा जाता है 'ऑटोक्रेट'

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपनी पुस्तक में विभिन्न कार्यक्रमों, यात्राओं और अपने काम काज का अनुभव साझा किया है. जिसका विमोचन पीएम मोदी ने किया.

बुक लॉन्च के दौरान पीएम मोदी और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बुक लॉन्च के दौरान पीएम मोदी और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली ,
  • 02 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

उपराष्ट्रपति के तौर पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू की पहली पुस्तक का विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे. जिन्होंने शायराना अंदाज में नायडू पर बोलते हुए कहा, 'सितारों के आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं.' वहीं, इस दौरान पीएम मोदी ने वेंकैया नायडू के अनुशासन की तारीफ करते हुए देश की मौजूदा स्थिति पर भी टिप्पणी की.

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अपने संबोधन में पीएम मोदी वेंकैया नायडू के व्यक्तित्व की प्रशंसा कर रहे थे, साथ ही संगठन में उनके साथ रहे अपने अनुभव साझा कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने बताया कि नायडू जी के जीवन में अनुशासन बेहद अहम रहा है. इसके बाद मोदी ने कहा कि आजकल देश में ऐसे हालात हैं कि अगर कोई अनुशासित हो तो उसे अलोकतांत्रिक कह दिया जाता है या ऑटोक्रेट तक कह दिया जाता है.

वहीं, कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि, इस किताब में वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति कार्यकाल में अपने राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव को शामिल करते हैं, और यह उनके एक साल के कार्यकाल में काफी हद तक परिलक्षित होता है. लेकिन सबसे अच्छा अभी भी आने वाला है. किसी कवि ने कहा है कि 'सितारों के आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं.'

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वहीं संसद के कामकाज पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि वे संसद को जिस तरह कार्य करना चाहिए वैसा नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से वे थोड़े नाखुश हैं. अन्य विषयों पर चीजे आगे बढ़ रही हैं. विश्व बैंक, एशियन डेवेलपमेंट बैंक, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने जिस तरह की रेटिंग दी है वो प्रशंसनीय है. सभी भारतीयों को आर्थिक क्षेत्र में हो रहे कार्यों पर गर्व करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कृषि को निरंतर सहारा देने की जरूरत है. वित्त मंत्री यहां मौजूद हैं, शायद उन्हें यह पसंद नहीं आए जो मैं कह रहा हूं, क्योंकि उन्हें सभी का ध्यान रखना है, लेकिन आने वाले दिनों में कृषि क्षेत्र में विशेष झुकाव की जरूरत है नहीं तो लोग खेती छोड़ देंगे, क्योंकि यह लाभाकारी नहीं है.

बता दें कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पिछले एक साल के कार्यकाल के अनुभवों को चित्र और शब्दों के माध्यम से संकलित कर पुस्तक का रूप दिया है. जिसका नाम है 'मूविंग आन मूविंग फारवर्ड, ए इयर इन ऑफिस.' प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एक बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वेंकैया नायडू को अपनी सरकार में मंत्री बनाने की पेशकश की. तब नायडू ने उनसे कहा कि उन्हें ग्रामीण विकास का कार्यभार सौंपा जाए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे दिल से किसान हैं, और किसानों और कृषि के विकास के लिए उनका समर्पण का भाव है.

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