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Happy Birthday Mom: जिसने मुझे जाया है आज उसका जन्‍मदिन है...

मां-बेटी का रिश्‍ता किसी शब्‍द में नहीं बंध सकता है क्‍योंकि इसकी खूबसूरती को बंया कर पाना बहुत मुश्किल है. फिर भी इस खूबसूरती को जताने की कोशिश में एक बेटी ने लिखी अपनी दिल की बात...

Happy Birthday Mom Happy Birthday Mom

सुबह उठकर सबसे पहले आज फोन उठाकर मां को फोन किया क्‍योंकि जिसने मुझे जाया है आज उसका जन्‍मदिन है. फोन पर बोला मां, happy birthday! जवाब मां के जैसा ही सीधा-सा था, अरे हमारा बर्थडे... क्‍या तारीख है आज? फिर बताया आज आपका जन्‍मदिन होता है. फिर भी यही बोला तो क्‍या हुआ... अब क्‍या हमारा बर्थ डे, तुम लोग हो न.

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फिर पूछने लगी ऑफिस पहुंच गई और क्‍या खाया है? कब उठी थी? जब बताया कि मॉर्निंग शिफ्ट थी इसलिए 5.30 बजे उठ गई थी. ये सुन मां कि आवाज थोड़ी देर के लिए जैसे रुक गई. मुझे पता है उन्‍हें याद आ गया होगा कि रात की रानी उनकी बेटी को उगता सूरज देखने की आदत नहीं है.

खैर फोन पर बात आगे बढ़ी और मैंने बता दिया कि मां सुबह उठकर कितने काम किए हैं और अब जल्‍दी भी उठ जाती हूं 'सूरज की सलामी कुबूल करने'. ये सुनकर मां खुश हो गई और फोन फिर बात करती हूं... इसी अधूरी बात के साथ हमने रख दिया.

लेकिन इस बीच कई बातें थी जो बोलनी थी, वही बातें जो हमेशा कि तरह मैं उनसे कभी नहीं कह सकी कि मां आज आपका नहीं मेरे लिए तो सारी कायनात का जन्‍मदिन है. क्‍योंकि आपने सिर्फ मुझे जाया नहीं, पाला-पोसा है, समझा है. आपने ही तो मुझे बिना बोले समझा है, एक आप ही तो हो जो पूरी दुनिया में मेरे गुस्‍से को भी समझती हो. जिसे कभी नहीं लगा कि मुझे जरूरत से ज्‍यादा गुस्‍सा आ जाता है.

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एक आप हो मां जिसे आज भी पता है कि मुझे खाने में कब क्‍या और कैसे पसंद है. खैर दुनिया कि सारी मांए ऐसी ही होती है लेकिन मेरे लिए आप बहुत खास हो और खासतौर से वो इंसान हो जो हमेशा मेरे साथ है तब भी, जब मैं गलत होती हूं. जो मेरे साथ तब भी थी जब मेरे लिखने-पढ़ने के हुनर पर लोगों के सवालिया निशान थे.

लेकिन मां सवाल तो आज मैं खुद अपने लिखने के हुनर पर उठा सकती हूं क्‍योंकि सोचा था हर वो एहसास शब्‍दों में लिख दूंगी जो आपके लिए सोचती नहीं जीती हूं. मगर कलम के सिपाही की कलम कम आंखों के आंसू ज्‍यादा निकल रहे हैं ये सब लिखते हुए.

अब क्‍या कहूं... यकीन है, एक बार फिर सब समझ लिया होगा आपने और आपकी आंखें भी भर आएंगी पढ़कर जो भी टूटा-फूटा लिखा है मैंने.

बस शु्क्रिया कहना है मां क्‍योंकि मुझे अपनी बेटी से पहले आपने इंसान बनाया है, शु्क्रिया! मेरी दुनिया को पूरा करने के लिए... जन्‍मदिन बहुत-बहुत मुबारक हो.

आपकी ऋतु, जिसे आपने ही ऋतु नाम दिया है...

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