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कांग्रेस के दरवाजे पर #MeToo का तूफान, रिपोर्टर ने कहा- UPA के मंत्री ने चूमा

#MeToo अभियान के तहत यौन शोषण का आरोप झेल रहे एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस्तीफे से कांग्रेस अभी उबरी भी नहीं थी कि एक महिला पत्रकार ने यूपीए सरकार के दौरान मंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

सांकेतिक तस्वीर (इंडिया टुडे) सांकेतिक तस्वीर (इंडिया टुडे)
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 10:42 PM IST

अब तक सिनेमा और मीडिया इंडस्ट्री तक सीमित रहने वाले #MeToo अभियान ने राजनीति को भी अपनी चपेट में ले लिया है. कांग्रेस पार्टी ने अभी मंगलवार को ही एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष को हटाया ही था कि एक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पर यौन शोषण के आरोप का मामला सामने आया है. एक महिला मत्रकार ने यूपीए सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस नेता के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए अपनी कहानी बयां की है.

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सोनल केलॉग नाक की महिला पत्रकार ने यूपीए-I की सरकार के दौरान मंत्री रहे इस नेता का नाम लिए बिना बताया है कि महिला पत्रकारों को किस तरह के हालातों से गुजरना पड़ता है जब वो बाहर रिपोर्टिंग के लिए जाती हैं. अहमदाबाद की रहने वाली केलॉग को गुजरात में अंग्रेजी अखबार द एशियन एज बंद होने के बाद साल 2006 में दिल्ली आना पड़ा. जहां उन्हें एक केंद्रीय मंत्री को कवर करने की जिम्मदारी सौंपी गई जो मीडिया पसंदीदा चेहरा थे और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए इंगलैंड जाने से पहले दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़े थे.

हमारी सहयोगी वेबसाइट 'डेली ओ' के लिए लिखते हुए केलॉग ने बताया कि मंत्री हमेशा उन्हें चूमकर अभिवादन किया करते थे, जिसे लेकर केलॉग का सोचना था कि हो सकता है ये दिल्ली की संस्कृति हो. गुजरात से आने वाली केलॉग बताती हैं कि वहां के नेता किसी महिला पत्रकार का अभिवादन गले लगाकर और चूम कर नहीं करते थे. लेकिन वे (मंत्री) चेहरा पकड़कर चूमने की कोशिश करते थे. केलॉग बताती है कि उनके साथ मंत्री के व्यवहार में बस यही गलत नहीं था. साल 2014 में जब उनके सरकारी बंगले पर मिलीं और उनसे बात कर रहीं थी, तभी उन्होंने वॉशरूम जाते समय अपने हाथ बढ़ाए और छाती दबाई.

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स्तब्ध केलॉग ने मंत्री से कहा कि उन्हें न छुएं. इस पर मंत्री ने बड़ी बेपरवाही से पूछा-क्यों? केलॉग का कहना है कि इस घटना के बाद वो उनसे नहीं मिलीं. इस तरह के बर्ताव को लेकर उनके अनुभव को लेकर उन्होंने मंत्री के बारे सार्वजनिक तौर पर नहीं बोला. हालांकि #MeToo अभियान ने जब सोशल मीडिया को अपने चपेट में ले लिया तब वो दोबारा सोचने पर मजबूर हुईं और अपनी चुप्पी तोड़ी. 

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