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आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई में कोई सुधार नहीं: विदेश मंत्रालय

भारत सरकार ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई महज दिखावा है. विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि भारत सरकार पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ व्यवहार सामान्य रखना चाहती है, लेकिन पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में ही हो सकती है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Photo- IANS) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Photo- IANS)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

भारत सरकार ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई महज दिखावा है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के व्यवहार में कोई सुधार नहीं दिखा है.

राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए गुरुवार को विदेश मंत्री राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, 'भारत सरकार पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ व्यवहार सामान्य रखना चाहती है. भारत शिमला समझौता तथा लाहौर घोषणा के अनुसरण में पाकिस्‍तान के साथ सभी द्विपक्षीय बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में ही हो सकती है. उन्होंने कहा कि हालांकि, भारत के साथ फिर से बातचीत शुरू करने के लिए पाकिस्तान का आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में कोई सुधार नहीं दिखा है.'  

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मंत्री मुरलीधरन ने कहा, 'भारत ने पाकिस्तान से आतंकवाद को समाप्त करने लिए विश्वसीन कदम उठाने और अपने नियंत्रण क्षेत्र से आतंकवाद के ढांचे को खत्म करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान इस पर लगाम नहीं लगाता, तब तक भारत सीमा पार से आतंकवादी घुसपैठ की सभी कोशिशों का जवाब देने के लिए निर्णायक कदम उठाता रहेगा और पाकिस्तान की सेना पर जवाबी कार्रवाई करता रहेगा.'

पाकिस्तान का आतंकवाद के खिलाफ ठोस नहीं दिखा

मंत्री मुरलीधरन ने भारत द्वारा उठाए गए सभी प्रमुख कदमों के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को राज्य की नीति के तहत साधन के रूप में इस्तेमाल करता रहा है. उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के लिए पहल की है, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवाद से लड़ने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए.

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उन्होंने कहा कि हमारे लगातार प्रयासों का ही नतीजा है कि आतंकवादी को पनाह देने वाले पाकिस्तान की ओर भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबका ध्यान खींचा है और इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ गई है.

मुरलीधरन ने कहा कि वैश्विक रूप से भारत सरकार के लगातार प्रयासों का ही नतीजा है कि जमात-उद दावा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ी है. साथ ही मुरलीधरन ने पाकिस्तानी धरती से जारी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत को मिले समर्थन पर प्रकाश डाला.

आतंकवाद पर भारत का जीरो टॉलरेंस

मुरलीधरन ने कहा, 'फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी निंदा की. कई देशों ने पाकिस्तान से अपने क्षेत्र को आतंकवाद के लिए किसी भी तरह से इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देने की बात भी कही.'

उन्होंने बताया कि कई आतंकवादी संस्थाएं व व्यक्ति जो पाकिस्तान में शरण लेकर भारत के खिलाफ आतंकवाद में लिप्त हैं, उन पर संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अन्य देशों ने मुकदमा चलाया है.

मंत्री मुरलीधरन ने कहा, 'भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्ति की निंदा की है. आतंकवाद पर भारत ने शून्य सहिष्णुता को अपनाया है.'

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