
पाकिस्तान के पेशावर में ननकाना साहिब गुरुद्वारे हमले को लेकर सोमवार को विदेश मंत्रालय ने पाक उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को तलब किया. भारत ने गुरुद्वारे पर हमले को लेकर उनसे विरोध जताया. बता दें कि ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर शुक्रवार को मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था, जिसके बाद सिख श्रद्धालु गुरुद्वारे के अंदर फंस गए. भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ सांप्रदायिक और घृणित नारे लगाए और धर्मस्थल पर पथराव किया.
पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब पर हुए हमले को लेकर सभी ने निंदा की. हमले की निंदा करते हुए शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि ऐसे हमलों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. सुखबीर ने कहा कि यह निंदनीय है, हम अपने धार्मिक स्थानों पर ऐसे हमलों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि हम चार सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान भेज रहे हैं, वे पाकिस्तानी सूबे के गवर्नर से मुलाकात कर हालात का जायजा लेंगे.
वहीं, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ननकाना साहिब की घटना के बाद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने वालों की आंखें खुल जानी चाहिए. इस घटना से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं.
धमकी देने वाले शख्स गिरफ्तार
पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब में हिंसा की धमकी देने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार शख्स का नाम इमरान चिश्ती है. इमरान चिश्ती ननकाना साहिब में रहने वाले सिखों को हिंसा की धमकी दे रहा था.
भारत ने इस घटना की कड़ी निंदा की थी. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले करने की धमकी देने वाले शख्स को पाकिस्तान सरकार तुरंत गिरफ्तार करे. पाकिस्तान पर भारत सरकार का दबाव काम आया और पंजाब प्रांत की पुलिस ने इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया.
वहीं, गिरफ्तारी से बचने के लिए इमरान चिश्ती ने पहले घर से ही गुरुद्वारे की घटना के लिए माफी मांगी थी.