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मक्का मस्जिद ब्लास्ट: नहीं मिले पुख्ता सबूत, लेकिन कहां गई वो लाल शर्ट...

बड़ा सवाल यह है कि घटनास्थल से बरामद की गई वह लाल शर्ट कहां गई, जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि वह बम प्लांट करने वाले व्यक्ति की हो सकती है.

मक्का मस्जिद में ब्लास्ट के बाद घटनास्थल (फाइल फोटो) मक्का मस्जिद में ब्लास्ट के बाद घटनास्थल (फाइल फोटो)
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

हैदराबाद में साल 2007 में हुए मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस के पांच आरोपियों को NIA की विशेष अदालत ने पुख्ता सबूत न मिलने की वजह से रिहा कर‍ दिया है. लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि घटनास्थल से बरामद की गई वह लाल शर्ट कहां गई, जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि वह बम प्लांट करने वाले व्यक्ति की हो सकती है.

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इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, NIA को यह शर्ट कभी भी नहीं दी गई. साल 2011 में यह केस सीबीआई से NIA को सौंपा गया था. बम विस्फोट के बाद स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल से एक लाल शर्ट बरामद की थी. लेकिन जांच की प्रक्रिया में यह शर्ट न जाने कहां गुम हो गई.

मामले की बाद में निगरानी कर रहे एनआईए के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर एन. आर. वासन ने इस बात की पुष्ट‍ि की है कि घटनास्थल से लाल शर्ट मिली थी, लेकिन इसे एनआईए को कभी भी नहीं सौंपा गया. उन्होंने कहा कि उन्हें वास्तव में यह नहीं पता है कि इस शर्ट का क्या हुआ इसकी सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है.

अखबार के अनुसार, 18 मई, 2017 को मक्का मस्जिद में आरोपी ने बम से भरे दो बैग छोड़ दिए थे. लेकिन एक ही बम फटा था. बाद में पुलिस ने घटनास्थल से एक बैग में आईडी जो फटने से रह गया और एक लाल शर्ट बरामद की थी.

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एनआईए के सूत्र यह साफ बताते हैं कि सीबीआई से उसे अन्य सारे सबूत और कागजात तो मिले थे, लेकिन कभी भी किसी लाल शर्ट की चर्चा या जानकारी नहीं हुई.

गौरतलब है कि एनआईए की विशेष अदालत ने सोमवार को साल 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट से जुड़े मामले में फैसला सुनाया था. इस मामले में कोर्ट ने असीमानंद समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. NIA कोर्ट में इन आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं रख पाया.

आपको बता दें कि इस विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी. एनआईए मामलों की चतुर्थ अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र सह विशेष अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली थी और पिछले हफ्ते फैसले की सुनवाई 16 अप्रैल तक के लिए टाल दी गई थी.

18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हुए थे. स्थानीय पुलिस की शुरुआती छानबीन के बाद मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था.

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