
मेघालय की पूर्वी जयंतिया हिल्स में मौजूद कोयला खदान में बीते 13 दिसंबर से फंसे हुए 15 मजदूरों को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने भी चिंता जाहिर की है. गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में सवाल किया कि अभी तक मजदूरों को बाहर क्यों नहीं निकाला गया है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी पूछा कि आपने अभी तक इनकी मदद के लिए क्या किया.
मेघालय के वकीलों से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप लोग अभी तक उन्हें निकालने में सफल नहीं हो पाए हैं, अगर आपको केंद्र से कोई मदद चाहिए तो हमें बताइए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से भी जवाब लेने की बात कही है.
सुप्रीम कोर्ट के सवालों का जवाब देते हुए मेघालय के वकील ने कहा है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से मजदूरों को निकालने के लिए साझा प्रयास किए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय कृष्ण कौल की खंडपीठ ने की.
उन्होंने बताया कि मेघालय में 72 NERF, 14 नेवी, कोल इंडिया समेत अन्य कई संगठनों के लोग मजदूरों को निकालने में लगे हुए हैं. वकील ने कहा कि 14 दिसंबर से ही प्रशासन उन्हें निकालने में लगी हुआ है.
आपको बता दें कि बीते 13 दिसंबर से 370 फीट गहरी इस अवैध खदान में 15 मजदूर फंसे हुए हैं. पूर्वी जयंतिया हिल्स में मौजूद इस खदान में अचानक पानी भर जाने से मजदूर यहां फंस गए थे.
गौरतलब है कि यहां चल रहे अभियान में पहले छोटे पंपों का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन बाद में वहां बड़े पंप भेजे गए थे. वायुसेना, स्थानीय प्रशासन, प्राइवेट कंपनियों समेत कई संस्थान मजदूरों को निकालने में जुटे हैं.
दूसरी तरफ मजदूरों के परिवारों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है. अभी तक कोई पुष्ट जानकारी ना मिलपाने के बाद कई मजदूरों के परिवारजनों का कहना है कि वह और इंतजार नहीं करना चाहते हैं, बस अपने परिजनों को देखना चाहते हैं.