Advertisement

मेघालय में मणिपुर और गोवा जैसी गलती नहीं दोहराना चाहती कांग्रेस

गोवा और मणिपुर जैसा हाल मेघालय में न हो, इसके लिए कांग्रेस का हाईकमान एक्टिव हो गया है. आला नेताओं ने मेघालय जाकर सरकार गठन की कोशिश शुरू कर दी है.

राहुल गांधी और मुकुल संगमा (फाइल फोटो) राहुल गांधी और मुकुल संगमा (फाइल फोटो)
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:15 AM IST

चुनाव दर चुनाव हार का सामना कर रही कांग्रेस के लिए पूर्वोत्तर के राज्यों से भी बुरी खबर मिली. एक ओर त्रिपुरा और नगालैंड में कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है, दूसरी ओर मेघालय में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद कांग्रेस बहुमत हासिल नहीं कर पाई. कांग्रेस को यहां सबसे ज्यादा 21 सीटों पर जीत मिली है. गोवा और मणिपुर जैसा हाल मेघालय में न हो, इसके लिए कांग्रेस का हाईकमान एक्टिव हो गया है. आला नेताओं ने मेघालय जाकर सरकार गठन की कोशिश शुरू कर दी है.

Advertisement

कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी

मेघालय की 60 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से कुछ पीछे रह गई है. उसे 21 सीटों पर जीत मिली है, जबकि बहुमत के लिए उसे 31 सीटों पर जीत चाहिए थी. वहीं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई है. एनपीपी ने बीजेपी से अलग चुनाव लड़ा था लेकिन बहुमत से पिछड़ने पर वो बीजेपी से गठबंधन कर कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर सकती है. वैसे भी नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) में एनपीपी बीजेपी की सहयोगी है और बीजेपी नेता भी उससे गठबंधन को तैयार  दिख रहे हैं. बीजेपी को भी राज्य में दो सीटें मिली हैं.

बैठकों का दौर शुरू

बीजेपी से पहले ही कांग्रेस नेतृत्व ने वरिष्ठ नेता कमलनाथ और अहमद पटेल को शिलांग भेज दिया है. शिलांग पहुंचते ही अहमद पटेल ने कहा कि हम यहां सरकार बनाने आए हैं. इस क्रम में मेघालय कांग्रेस के नेताओं के साथ केंद्रीय नेतृत्व शिलांग में बैठक कर रहा है. नतीजों से साफ है कि कांग्रेस अगर कुछ निर्दलीय या छोटे दलों के विधायकों को अपने साथ लाने में सफल होती है तो वह राज्य में अपनी सत्ता बचा सकती है. ऐसे में जो भी पहले निर्दलीय या छोटे दलों को अपने खेमे में ले लेगा, वही मेघालय में सरकार बना पाएगा.

Advertisement
गोवा में हुई थी गलती

गोवा में कांग्रेस को 17 सीटें मिली थीं और वह बहुमत से सिर्फ 5 सीट पीछे थी बावजूद इसके बीजेपी ने सहयोगी दलों की मदद से सरकार बना ली. एमजीएम, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अलावा 3 निर्दलीय विधायक बीजेपी नेता और पू्र्व सीएम मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाए जाने की शर्त पर बीजेपी को समर्थन देने को राजी हो गए थे. इसके बाद 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में बीजेपी ने 22 विधायकों के समर्थन का दावा किया. गोवा में सरकार बनाने में कांग्रेस ने सुस्ती दिखाई यही वजह रही कि सबसे बड़ी पार्टी रहने के बावजूद कांग्रेस को सूबे की सत्ता से हाथ धोना पड़ा था.

मणिपुर में फिसली कांग्रेस

मणिपुर में 60 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 28 सीटें मिली थीं जबकि बीजेपी सिर्फ 21 सीटें जीत पाई थी. बीजेपी ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के कुछ बागी विधायकों से हाथ मिला लिया और कांग्रेस को चुनावी रणनीति के साथ-साथ सरकार बनाने में भी पीछे छोड़ दिया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement