
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों की तस्वीर अब साफ हो गई है. त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी ने वाम मोर्चे के 25 साल के किले को ध्वस्त कर दिया है.
मेघालय में कांग्रेस और एनपीपी में कड़ी टक्कर के बाद आखिरकार कांग्रेस को सबसे ज्यादा 21 सीटों पर जीत मिली है. साफ है कि इन चुनाव नतीजों के साथ बीजेपी ने पू्र्वोत्तर में शानदार आगाज किया है.
त्रिपुरा पर कब्जा
बीजेपी और उसके सहयोगी दल त्रिपुरा में आसानी से सरकार का गठन कर लेंगे. त्रिपुरा के 59 सीटों के नतीजे शनिवार को आ गए. त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2018 में बीजेपी ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 25 साल से सत्ता में काबिज सीपीआई (एम) को सिर्फ 15 सीटों से संतोष करना पड़ा. वहीं IPFT को 8 सीटों पर जीत मिली है.
वहीं राज्य में पिछले करीब तीन दशकों से राज्य की सत्ता पर कायम माकपा को महज 16 सीटें ही मिल पाईं. पिछले विधानसभा में विपक्ष रही कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल पाई.
त्रिपुरा में बीजेपी ने अप्रत्याशित जीत हासिल की है. पिछले विधानसभा में इस भगवा पार्टी को 1.5 फीसदी वोट से ही संतोष करना पड़ा था. मगर इस बार के चुनाव में पार्टी ने 43 प्रतिशत वोट हासिल करने के साथ जीत का आगाज किया है और इस तरह उसने वाम मोर्चे के इस गढ़ पर कब्जा जमा लिया है.
नगालैंड में गठबंधन
इसी तरह नगालैंड में भी बीजेपी सरकार की मजबूत दावेदार के रूप में सामने आई है. बीजेपी यहां अपनी सहयोगी पार्टी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी(NDPP) के साथ सरकार बनाएगी. अंतिम परिणाम में बीजेपी को 12 सीटों पर, NDPP को 17, NPF को 27, NPP को 2, जेडीयू को 1 और निर्दलीय को 1 सीट पर जीत हासिल हुई है. जेडीयू ने भी बीजेपी गठबंधन को समर्थन देने की बात कही है.
मेघालय की तस्वीर
वहीं मेघालय में जिस तरीके से जनादेश सामने आ रहा है, उसे देखकर लग रहा है कि अगले दो दिनों तक वहां सियासी हालात दिलचस्प रहने वाले हैं.
राजनीतिक दलों को मिली सीटों के मुताबिक त्रिशंकु विधानसभा की संभावना है. मेघालय की 60 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से कुछ पीछे रह गई है. उसे 21 सीटों पर जीत मिली है, जबकि बहुमत के लिए उसे 31 सीटों पर जीत चाहिए थी.
वहीं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई है. एनपीपी ने बीजेपी से अलग चुनाव लड़ा था, लेकिन बहुमत से पिछड़ने पर वो बीजेपी से गठबंधन कर कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर सकती है.
वैसे भी नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) में एनपीपी बीजेपी की सहयोगी है और बीजेपी नेता भी उससे गठबंधन को तैयार दिख रहे हैं. बीजेपी को भी राज्य में दो सीटें मिली हैं.
बताते चलें कि बीजेपी पिछले कई सालों से पूर्वोत्तर के राज्यों में जमीनी स्तर पर काम कर रही है और इसी की बदौलत उसने यह जीत हासिल की है. त्रिपुरा में तो बीजेपी ने 'चलो पलटई' यानी 'चलो बदलाव लाएं' का नारा दिया था, जो कारगर रहा.