
उत्तर भारत समेत देश के अन्य इलाकों में बीते 15 दिनों से मौसम ने करवट ली है. तेज आंधी-तूफान और बारिश से 150 से ज्यादा मौतें भी हो चुकी हैं. लेकिन मौसम विभाग किसी भी मौके पर मौसम का सटीक अनुमान लगा पाने में विफल ही रहा है. अब रविवार को आई तेज आंधी के बाद खुद मौसम विभाग ने इस बात को स्वीकार भी किया है.
मौसम विभाग के डीडीजीएम डॉक्टर धर्मेंद्र प्रधान ने 'आजतक' से कहा कि मौसम विभाग ने पहले 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार का अनुमान लगाया था लेकिन दिल्ली-एनसीआर में आंधी के दौरान हवाओं की अधिकतम रफ्तार 109 किलोमीटर प्रति घंटा रिकॉर्ड की गई. ऐसे में हम तेज आंधी का सटीक अनुमान लगा पाने में विफल रहे.
अधिकारी ने बताया कि मौसम विभाग के वैज्ञानिकों को इस पर मंथन करना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ और आगे भविष्यवाणी सटीक करने पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 13 तारीख को दिल्ली-एनसीआर में आए भीषण आंधी-पानी के लिए उसी तरह की स्थितियां मौजूद रहीं जिस तरह की स्थितियां 2 मई को मौजूद थीं. बीते दिनों आए तूफान में 120 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी.
मौसम विभाग के डीडीजीएम ने कहा कि जब थंडर स्टॉर्म यानी आंधी-पानी की स्थिति बनती है तो सबसे सटीक अनुमान डॉप्लर रडार के जरिए आते हैं और दिल्ली-एनसीआर में जब हवाओं की रफ्तार काफी तेजी से ऊपर बढ़ी तब मौसम विभाग सटीक अनुमान लगा पाने में कामयाब नहीं रहा. उन्होंने कहा कि इस तरह के वेदर सिस्टम में हवाओं की रफ्तार का सही-सही अनुमान लगाना फिलहाल संभव नहीं है.
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में मंगलवार सुबह तक बारिश और आंधी का अलर्ट भी जारी किया है. साथ ही उत्तर भारत में मौसम फिर से बिगड़ने का भी अनुमान है.