
भीमा कोरेगांव दंगा मामले में राइट विंग हिंदू नेता मिलिंद एकबोटे को शुक्रवार को मुंबई में न्यायपालिका जांच आयोग के समक्ष पेशी के लिए बुलाया गया है. भीमा-कोरेगांव दंगों के संभावित कारण की जांच करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा दो सदस्यीय आयोग की स्थापना की गई थी. इस मामले में अब तक 20 लोगों की रिकॉर्डिंग पिछले 16 महीनों में पूरी हो चुकी है.
महाराष्ट्र सरकार ने किया था आयोग का गठन
बता दें कि भीमा कोरेगांव दंगों की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 2 सदस्यों की आयोग का गठन किया था. जांच कमेटी के वकील आशीष सतपुटे ने इंडिया टुडे को ये जानकारी दी है.
इस जांच आयोग में कोलकाता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस जेएन पटेल और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सुमित मल्लिक शामिल थे. इस आयोग का गठन फरवरी 2018 में किया गया था और सुनवाई सितंबर 2018 में शुरू हुई. इस आयोग की अंतिम सुनवाई 16 दिसंबर 2019 को हुई थी.
30 लोगों की पेशी, 20 से पूछताछ
अब तक कमीशन के सामने 30 लोगों की पेशी हो चुकी है, इसमें से 20 लोगों से कमीशन पूछताछ कर चुकी है. इस केस के कुछ अहम गवाह हैं वकील सुरेंद्र गाडलिंग, सुधीर धावले, हर्षिल पोद्दार और वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत पाटिल. हालांकि गाडलिंग और सुधीर दावले इसी केस में आरोपी भी है, इसलिए गवाह के रूप में इनका बयान मान्य नहीं है.
इस आयोग ने दलित नेता और प्रोफेसर जोगेन्द्र कावडे, एक्टिविस्ट हर्षिल पोटदार और वंचित बहुजन अगाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडर से भी पूछताछ की है.