
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा नाबालिगों के बलात्कार के लिए फांसी की सजा की मांग के बाद दूसरी महिला मंत्रियों ने भी इसका पुरजोर समर्थन किया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने मेनका गांधी की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि जो लोग इस तरह से बच्चों के साथ बलात्कार जैसे घृणित अपराध करते हैं, उनकी तुलना सिर्फ किसी हैवान से ही की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के मन में कानून का डर तभी बैठेगा जब इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होगा, जिसमें फांसी शामिल है. मंत्री ने कहा कि पॉक्सो एक्ट में बदलाव का फैसला संबंधित मंत्रालय को करना है, लेकिन एक महिला मंत्री होने के नाते वह इसका पूरा समर्थन करती हैं.
क्या बोली थीं मेनका गांधी
मेनका गांधी ने कहा था कि पॉक्सो एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव लाया जाएगा, जिससे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार करने के लिए फांसी की सजा का प्रावधान हो. मौजूदा कानून के तहत इसके लिए 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का ही प्रावधान है.
मेनका गांधी ने कहा है कि वह कठुआ की घटना की वजह से बेहद दुखी हैं और कानून में बदलाव के लिए कैबिनेट नोट लाएंगी. कठुआ और उन्नाव की घटना को लेकर चारों तरफ बवाल मचा हुआ है.
राहुल गांधी के मिडनाइट मार्च पर अनुप्रिया पटेल ने कहा कि विरोधी जो चाहे कह सकते हैं, लेकिन सरकार हर दोषी को सजा दिलाने के लिए तत्पर है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं अचानक नहीं होने लगी हैं बल्कि ऐसी घटनाएं और उनके समर्थन में बयान देने वाले लोग घृणित मानसिकता के शिकार हैं और इसे बदलने की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आंदोलन इसी मानसिकता को बदलने के लिए चलाया जा रहा है.