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मिजोरम के स्पीकर हिफेई ने BJP ज्वॉइन की, 'कांग्रेसमुक्त' होने की राह पर पूर्वोत्तर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हिफेई को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन एन वक्त उनका टिकट काट दिया गया. मिजोरम में 28 नवंबर को चुनाव है. पिछले दो महीने में यहां कांग्रेस के 5 विधायकों ने इस्तीफा दिया है.

हिफेई ने बीजेपी ज्वॉइन की (फोटो-एएनआई) हिफेई ने बीजेपी ज्वॉइन की (फोटो-एएनआई)
रविकांत सिंह
  • आईजॉल,
  • 05 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:53 PM IST

मिजोरम विधानसभा के स्पीकर हिफेई ने सोमवार को अपने पद और पार्टी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ज्वॉइन कर ली. मिजोरम में तीन हफ्ते बाद चुनाव है. उससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का इस्तीफा और बीजेपी में उनका शामिल होना बड़ी घटना के तौर पर देखा जा रहा है.

मिजोरम में 7 बार विधायक रहे हिफेई ने कहा कि उन्होंने डिप्टी स्पीकर आर. लालरिनामा को अपना इस्तीफी सौंपा जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया. उसके बाद हिफेई कांग्रेस भवन गए और अपनी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया.  

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बीते सितंबर महीने से हिफेई पांचवें कांग्रेस विधायक हैं जिन्होंने पार्टी छोड़ी है. मिजोरम में कुल 40 सीटें हैं. पूर्वोत्तर में मिजोरम अकेला प्रदेश है जहां कांग्रेस सत्तारूढ़ है लेकिन पिछले एक महीने में जितनी तेजी से उसके विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं, उससे यह आशंका प्रबल हो गई है कि पूर्वोत्तर कांग्रेसमुक्त हो जाएगा.

पूर्वोत्तर में कांग्रेस के अकेले बचे इस गढ़ में 28 नवंबर को चुनाव है. गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) और बीजेपी नेता हिमंत बिस्व शर्मा ने हिफेई के बीजेपी ज्वॉइन करने की बात बताई. हिमंत शर्मा ने कहा, 'वो काफी वरिष्ठ नेता हैं. बीजेपी में उनके शामिल होने से संगठन को मजबूती मिलेगी.' हिमंत बिस्व शर्मा असम के वित्त मंत्री भी हैं.  

शर्मा ने हालांकि यह नहीं बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में हिफेई को टिकट मिलेगा या नहीं और अगर मिलेगा तो किस सीट से उन्हें चुनाव लड़ाया जाएगा. कांग्रेस ने हिफेई को पलक विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन पिछले हफ्ते अचानक एक फैसले में पार्टी के महासचिव केटी रोखा को हिफेई की सीट दे दी गई. कांग्रेस को इस बात की भनक लग गई थी कि हिफेई बीजेपी ज्वॉइन कर सकते हैं.

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साल 2013 में हिफेई ने पलक सीट से जीत दर्ज की थी. 1972 से 1989 के बीच तुईपांग सीट पर हिफेई ने कांग्रेस से 6 बार जीत दर्ज की, इसलिए उनका बीजेपी ज्वॉइन करना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

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