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एमजे अकबर ने अदालत में नकारे यौन शोषण के आरोप, अगली सुनवाई 6 जुलाई को

वकील ने कहा कि अकबर ने रमानी से नितांत निजी सवाल पूछे, जिससे उनकी मुवक्किल तनाव में आ गई थी. इंटरव्यू के दौरान रमानी की प्रोफेशनल स्किल्स, उसके सामान्य ज्ञान और खबरों को लेकर उसकी सोच से जुड़े सवाल नहीं पूछे गए. जो भी सवाल पूछे गए वह उसकी व्यक्तिगत जिंदगी से जुड़े हुए थे जिनका पूछा जाना जरूरी नहीं था.

MJ Akbar MJ Akbar
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2019,
  • अपडेटेड 6:22 PM IST

मोदी सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ स्वयं द्वारा दायर मानहानि के मामले में सोमवार को अदालत में पेश हुए. अकबर ने राउज एवेन्यू कोर्ट में क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी की वकील के सवालों का जवाब देते हुए खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों को नकारा.

रमानी की वकील रेबेका जॉन ने अकबर से दर्जनों सवाल पूछे. ज्यादातर सवाल 1993 में रमानी को इंटरव्यू के लिए होटल में बुलाने से जुड़े हुए थे. अकबर ने इस आरोप को भी सिरे से नकार दिया. रमानी की वकील ने अकबर से कहा कि वह पूरी तरह झूठ बोल रहे हैं. जॉन ने कहा कि उन्होंने रमानी को न सिर्फ होटल के कमरे में बुलाया, बल्कि उसे शराब भी ऑफर की. रमानी से यह तक पूछा गया कि उन्हें हिंदी गाने पसंद है या अंग्रेजी. ऐसा इसलिए, क्योंकि शराब ऑफर करते समय अकबर रमानी की पसंद का म्यूजिक लगाना चाहते थे.

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वकील ने कहा कि अकबर ने रमानी से नितांत निजी सवाल पूछे, जिससे उनकी मुवक्किल तनाव में आ गई थी. इंटरव्यू के दौरान रमानी की प्रोफेशनल स्किल्स, उसके सामान्य ज्ञान और खबरों को लेकर उसकी सोच से जुड़े सवाल नहीं पूछे गए. जो भी सवाल पूछे गए वह उसकी व्यक्तिगत जिंदगी से जुड़े हुए थे जिनका पूछा जाना जरूरी नहीं था. जॉन ने अकबर से उन महिला पत्रकारों का जिक्र भी किया, जिन्होंने उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. अकबर ने तमाम आरोपों को नकार दिया.

अगली सुनवाई 6 जुलाई को

इस मामले में क्रॉस एग्जामिनेशन अभी जारी रहेगा. मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी. गौरतलब है कि गत अक्टूबर में तब विदेश राज्यमंत्री रहे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इसके बाद अकबर पर आरोपों की झड़ी सी लग गई और एक के बाद आधा दर्जन से अधिक महिला पत्रकारों ने यौन शोषण के आरोप लगाए. इनमें एशियन एज में अकबर के साथ काम कर चुकीं गजाला बहार भी शामिल थीं. आरोपों से घिरे अकबर को ना-नुकुर के बाद चौतरफा दबाव में इस्तीफा देना पड़ा था.

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