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#MeToo की भेंट चढ़े मोदी के मंत्री एमजे अकबर, विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा

#MeToo के लपेटे में आए एमजे अकबर ने विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. यह पहली बार है, जब मोदी सरकार के किसी मंत्री ने किसी विवाद में घिरने के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया है.

एमजे अकबर (फोटो- aajtak.in) एमजे अकबर (फोटो- aajtak.in)
राम कृष्ण/देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 12:22 AM IST

#MeToo के लपेटे में आए एमजे अकबर ने विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके ऊपर अब तक 20 महिला पत्रकारों ने #MeToo अभियान के तहत आरोप लगाए हैं. अकबर पर पहला आरोप वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने लगाया था, जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर राष्ट्रपति के पास भेज दिया है. 

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रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगाए. अकबर पर ताजा आरोप एक विदेशी महिला पत्रकार ने लगाया कि 2007 में जब वो इंटर्नशिप के लिए आईं तो वो सिर्फ 18 साल की थीं और उनके साथ एमजे अकबर ने गलत हरकत करने की कोशिश की.

यह पहली बार है, जब मोदी सरकार के किसी मंत्री ने किसी विवाद में घिरने के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया है. इस्तीफे से पहले अजीत डोभाल ने उनसे मुलाकात की थी और फिर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इसकी रिपोर्ट दी थी. हालांकि एमजे अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उनका कहना है कि वो अपनी लड़ाई कोर्ट में लड़ेंगे.

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सुत्रों के मुताबिक पीएमओ की दखलंदाजी के बाद एमजे अकबर का इस्तीफा हुआ है. मामले को लेकर एनएसए अजीत डोभाल ने एमजे अकबर से मुलाकात की थी. इस मसले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की भी राय ली गई.

वहीं, एमजे अकबर के इस्तीफे के बाद प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा, 'अकबर के इस्तीफे से हम महिलाओं को सुकून मिला है. हम खुद को दोषमुक्त महसूस कर रही हैं. मुझे उस दिन का इंतजार है, जब कोर्ट में मुझे न्याय भी मिलेगा.'

अकबर के इस्तीफे को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट किया.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मामले पर कहा कि मैं एमजे अकबर को लेकर किए गए सरकार के फैसले  का स्वागत करती हूं. महिला आयोग भी इस फैसले का स्वागत करता है. हमें इस बात की खुशी की सरकार ने इस मामले में फैसला लिया.

पूरा मामला क्या है?

दरअसल, विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर कई अखबारों के संपादक रहे हैं. उनके ऊपर अब तक कई महिला पत्रकारों ने #MeToo कैंपेन के तहत आरोप लगाए हैं. अकबर पर पहला आरोप प्रिया रमानी नाम की वरिष्ठ पत्रकार ने लगाया था जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी.

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रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगा रही हैं. जिसके कारण सोशल मीडिया और विपक्ष की ओर से लगातार उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है.

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