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स्टेशनों पर लगेंगे मोबाइल टॉवर, रेलवे पॉलिसी लाने की तैयारी में

मोबाइल टावरों को लगाने को लेकर लोगों के विरोध का सामना कर रही टेलीकॉम कंपनियों ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु की रुख किया है. मोबाइल टॉवरों को लगाने के लिए जद्दोजहद का सामना कर रहे टेलीकॉम सेक्टर के लिए देश भर में फैले हजारों रेलवे स्टेशन वरदान साबित हो सकते हैं.

रेलवे स्टेशन रेलवे स्टेशन
सबा नाज़/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:01 AM IST

मोबाइल टावरों को लगाने को लेकर लोगों के विरोध का सामना कर रही टेलीकॉम कंपनियों ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु की रुख किया है. मोबाइल टॉवरों को लगाने के लिए जद्दोजहद का सामना कर रहे टेलीकॉम सेक्टर के लिए देश भर में फैले हजारों रेलवे स्टेशन वरदान साबित हो सकते हैं. रेलवे के आला अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक एयरटेल, वोडाफोन और रिलायंस समेत दूसरी टेलीकॉम कंपनियों ने रेलवे से स्टेशनों पर बूस्टर्स लगाने और हॉट स्पॉट बनाने के लिए जगह मांगी है.

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सूत्रों के मुताबिक रिलायंस जियो ने कमर्शियल लांच से पहले ही स्टेशनों पर नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में 100 करोड़ का निवेश तय कर लिया है और इसके लिए रेलवे से बातचीत आखिरी दौर में है. दरअसल रेलवे स्टेशनों और रेल  में सफर के दौरान अधिकतर रेल मुसाफिर कॉल ड्रॉप की समस्या से दो चार होते रहते हैं. इस परेशानी को कम करने के नाम पर अब टेलीकॉम कंपनियां स्टेशनों पर अपना नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त करने की पेशकश कर रही है.

रेल मंत्रालय और ट्राई साथ मिलकर करेंगे विचार
रिलायंस जियो और वोडाफोन समेत दूसरी कंपनियां टीयर-2 और टीयर-3 शहरों के करीब 4 हजार स्टेशनों और हॉल्ट्स पर बूस्टर्स और हॉट स्पॉट लगाने की तैयारी कर रही हैं. कंपनियों की दलील है कि इससे यात्रियों को बेहतर नेटवर्क मिल पाएगा और वो अपने लोगों से बिना किसी बाधा के बात कर पाएंगे. स्टेशनों के साथ साथ रेल सफर के दौरान कैसे बेहतर नेटवर्क मुहैया कराया जा सकता है इस पर भी रेल मंत्रालय, टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई के साथ मिलकर विचार कर रहा है.

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रेल मंत्रालय लाएगा नई पॉलिसी
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस साल के आखिर तक रेल मंत्रालय, मोबाइल टॉवर लगवाने के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाने के नाम पर नई पॉलिसी लाने जा रहा है. इस पॉलिसी के तहत सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों एक सामान किराए पर स्टेशनों पर जगह लीज पर दी जाएगी. रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से रेलवे को दो बड़े फायदे होगें पहला यात्रियों की सुविधा और दूसरा नॉन फेयर रेवेन्यू में बढ़ावा.

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