
पीयूष गोयल ने कहा कि नोटबंदी 100 फीसदी सफल रहा. लेकिन कांग्रेस अपने कुतर्क के साथ इसे विफल बता रही है. गोयल ने कहा कि नोटबंदी के बाद सभी प्रतिबंधित करेंसी वापस आने से कालाधन बैंक पहुंच गया. अब केन्द्र सरकार बैंक में जमा हुए कालेधन के खिलाफ कदम उठाने का काम कर सकती है.
पीयूष गोयल ने कहा कि नोटबंदी का दूसरा बड़ा फायदा यह है कि बैंक में जमा हुआ पैसा देश के कारोबार को बढ़ाने में मदद करेगा. गोयल के मुताबिक अब देश में कैश रखने में लोगों में डर है और वह ज्यादा से ज्यादा काम डिजिटल माध्यम से करने को तरजीह देता है.
क्या नोटबंदी के बाद डिजिटल इकोनॉमी बनाने में सफलता मिली? इस सवाल का जवाब देते हुए गोयल ने कहा कि डिजिटल इकोनॉमी में टैक्स चोरी की संभावना कम रहेगी. इससे सरकार के राजस्व में भी इजाफा देखने को मिलेगा. लिहाजा, देशभर में लोगों को कैश की जगह डिजिटल माध्यमों से भुगतान को प्राथमिकता देनी चाहिए जिससे एक ईमानदार व्यवस्था को तैयार किया जा सके.
पीयूष गोयल ने कहा कि अर्थशास्त्रियों की बात समझना इतना आसान नहीं है. गीता गोपीनाथ की नोटबंदी की निंदा करने पर गोयल ने कहा कि वह केरल सरकार की आर्थिक सलाहकार हैं और नोटबंदी के आंकलन में वह केरल सरकार के मत को आगे रख रही हैं.
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इस सत्र के दौरान पीयूष गोयल ने कहा कि यूपीए सरकार के दस साल के कार्यकाल को समझना जरूरी है. गोयल ने दावा किया कि 2004 में एक मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ कांग्रेस को सत्ता मिली थी. इसके चलते उनके कार्यकाल के पहले तीन साल बेहद अच्छे रहे.
लेकिन फिर वैश्विक मंदी और कांग्रेस के भ्रष्टाचार भरे शासन से आर्थिक आंकड़े खराब होने लगे. हालांकि तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आंकड़ों की जुगलबंदी करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत दिखाने का काम किया है. पीयूष गोयल ने दावा किया कि चिदंबरम के कार्यकाल के बाद 2014 में यूपीए सरकार के अंतिम के वर्षों में अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता हाल हो गई. लिहाजा, 2014 में मोदी सरकार को एक खराब अर्थव्यवस्था मिली. मोदी सरकार ने इस हालत में मिली अर्थव्यवस्था को बीते चार साल के दौरान मजबूत करने के काम किया.
एयर इंडिया के विनिवेश पर गोयल ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है लेकिन सिर्फ मोदी सरकार इसके विनिवेश करने का साहस दिखाया है. वहीं पूर्व की यूपीए सरकार ने कभी एयर इंडिया के मामले पर निर्णायक रुख लेने का साहस नहीं दिखाया.