Advertisement

WEF के बाद अब आसियान का दिल जीतेंगे मोदी, इस बार की 26 जनवरी ऐतिहासिक

आसियान के दस देशों राष्ट्राध्यक्ष इस बार गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट होंगे. यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि पहली बार इतने देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक साथ भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने जा रहे हैं.

अासियान- इंडिया समिट की फाइल फोटो अासियान- इंडिया समिट की फाइल फोटो
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

दावोस के बाद अब पीएम मोदी आसियान का दिल जीतने जा रहे हैं. दिल्ली में एक कार्यक्रम में आसियान देशों के सभी राष्ट्राध्यक्ष जुट रहे हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आसियान के दस देशों के ये सभी राष्ट्राध्यक्ष इस बार गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट होंगे. यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि पहली बार इतने देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक साथ भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने जा रहे हैं.

Advertisement

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार इसके पहले करीब 68 साल पहले 1950 में 26 जनवरी को भारत के प्रथम गणतंत्र दिवस पर दक्षिण-पूर्व एशिया की प्रमुख हस्ती सुकर्णो को चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया था. इस बार फिर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को आमंत्रित किया गया है. यह अलग बात है कि वह अकेले चीफ गेस्ट नहीं होंगे, उनके साथ आसियान के अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी होंगे. पीएम मोदी की यह रणनीति बेहद खास है, क्योंकि पहली बार आसियान देशों के साथ इतने राष्ट्राध्यक्ष एक साथ परेड में भारत की सैन्य ताकत और सामाजिक विविधता की झलक देखेंगे.

गौरतलब है कि भारत और आसियान देशों के रिश्तों की इस साल सिल्वर जुबिली है, यानी 25 साल हो रहे हैं. इस मौके पर दिल्ली में 25 जनवरी से एक इंडिया-आसियान बिजनेस ऐंड इनवेस्टमेंट कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सभी 10 राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो रहे हैं.

Advertisement

युगों तक याद रहेगी यह 26 जनवरी!

 इसके पहले कभी भी भारत के गणतंत्र दिवस पर दो से ज्यादा राष्ट्राध्यक्ष एक साथ नहीं आए हैं. पीएम मोदी ने हाल में अपने 'मन की बात' में कहा था कि, '26 जनवरी, 2018 को युगों तक याद रखा जाएगा.' वास्तव में इतने राष्ट्राध्यक्षों को एक साथ जुटाना पीएम मोदी की एक बड़ी उपलब्धि है.

गौरतलब है कि अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत ही मोदी सरकार ने आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स-Asean) के 10 राष्ट्राध्यक्षों का दिल्ली में सम्मेलन आयोजित किया है. नवंबर, 2014 में 12वें आसियान इंडिया समिट के दौरान पीएम मोदी ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी की घोषणा की थी.

राजपथ पर की गई खास व्यवस्था

इतने सारे चीफ गेस्ट के आगमन को देखते हुए राजपथ के वीआईपी स्टैंड को काफी चौड़ा किया गया है, ताकि सभी राष्ट्राध्यक्ष वहां बैठ सकें. इन राष्ट्राध्यक्षों में म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की, इंडोनेशिया के प्रेसिडेंट जोको विडोडो, सिंगापुर के पीएम ली हसिएन लूंग, मलेशिया के पीएम नजीब रजाक, थाइलैंड के पीएम प्रयुत चान-ओ-छा, वियतनाम के पीएम न्गुयेन शुयान फुक, फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो ड्यूटेरेटे, कम्बोडिया के पीएम हुन सेन, लाओस के पीएम थोंगलाउन, सिसाउलिथ और ब्रूनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया शामिल हैं.

Advertisement

आसियान देशों पर झांकी

रिपब्लिक डे सेकंड इन कमांड मेजर जनरल राजपाल पूनिया के अनुसार विविधता में एकता को प्रदर्श‍ित करने के लिए भारतीय सैनिक तिरंगे के साथ 10 आसियान देशों का भी झंडा लिए रहेंगे. 90 मिनट के परेड के दौरान कुल 23 झांकियों में से दो झांकियां आसियान देशों पर भी होंगी.

इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आकाश मिसाइल का प्रदर्शन किया जाएगा. पहली बार बीएसएफ की महिला टुकड़ी मोटरसाइकिलों पर करतब दिखाएगी.

दक्ष‍िण-पूर्व एशिया तथा अन्य एशियाई देशों में आर्थिक, सामाजिक, सैन्य, सामाजिक-सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान का गठन किया गया है. इसका गठन 1967 में हुआ था. इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रूनेई, कम्बोडिया, लाओस, म्यांमार और वियनाम शामिल हैं. इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement