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किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, खरीफ की 14 फसलों का MSP बढ़ाया

गौरतलब है कि पिछले साल सामान्य ग्रेड के धान की एमएसपी 1,550 रुपये प्रति क्विंटल थी. इसके पहले धान की एमएसपी में एक साल में रिकॉर्ड बढ़त 155 रुपये प्रति क्विंटल की एक दशक पहले साल 2008-09 में यूपीए सरकार द्वारा की गई थी.

मोदी सरकार का किसानों को गिफ्ट मोदी सरकार का किसानों को गिफ्ट
राहुल श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST

किसानों को फसल की लागत का कम से कम डेढ़ गुना दाम दिलाने के वायदे को पूरा करने की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया. सरकार ने यह निर्णय ऐसे समय लिया है जबकि कृषि उपजों के दाम गिरने से किसान परेशान हैं और आम चुनाव एक साल के अंदर होने वाले हैं.

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बीजेपी ने 2014 में किसानों से साथ चुनावी वादा किया था कि वह किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिलाएगी. इसे पूरा करने के लिए सरकार ने इस साल पहली फरवरी को पेश किए गए अपने आखरी पूर्ण बजट में इस वायदे को पूरा करने की घोषणा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों से संबंधित समिति ने आज 14 खरीफ फसलों के एमएसपी के प्रस्तावों को स्वीकृत किया. सूत्रों के अनुसार, धान (सामान्य किस्म) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 200 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये प्रति क्विंटल तथा धान (ग्रेड ए) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 160 रुपये बढ़ाकर 1,750 रुपये प्रति क्विंटल कर किया गया है.

इसी तरह कपास (मध्यम आकार का रेशा) का एमएसपी 4,020 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,150 रुपये प्रति क्विंटल और कपास (लंबा रेशा) का एमएसपी 4,320 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,450 रुपये प्रति क्विंटल पर कर दिया गया. अरहर का एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,675 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग का एमएसपी 5,575 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6,975 रुपये प्रति क्विंटल और उड़द का एमएसपी 5,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,600 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.

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विपणन वर्ष 2016-17 की खरीद के आंकड़ों के हिसाब से धान का एमएसपी बढ़ाने से खाद्य छूट पर 11 हजार करोड़ रुपये का बोझ आएगा. धान खरीफ सीजन की मुख्य फसल है. सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम अनाज की खरीद और वितरण करता है. यह खरीद सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर की जाती है.

वर्ष 2017-18 में भारत में अनाज उत्पादन 27.951 करोड़ टन होने का अनुमान है. यह एक नया कीर्तिमान होगा. अनाज उत्पादन बढ़ने से चीनी, दाल दलहनों आदि की कीमतों में नरमी है. 

गौरतलब है कि मोदी सरकार का ये फैसला सीधे तौर पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई प्रदेशों में सीधा असर दिखाएगा, इन राज्यों में किसानों की संख्या अधिक है और लोकसभा सीटों की भी.

किसानों से किया था वादा

पिछले हफ्ते गन्ना किसानों से बात करते हुए पीएम मोदी ने यह वादा किया था कि खरीफ सीजन के लिए फसलों के इनपुट कॉस्ट के 150 फीसदी तक एमएसपी करने की योजना को लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि उसे इस हफ्ते होने वाली कैबिनेट बैठक के दौरान मंजूरी दी जाएगी. इससे पहले भी मोदी सरकार की तरफ से गन्ना किसानों के लिए राहत दी गई थी. 

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