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देश में 9400 शत्रु संपत्ति बेचकर एक लाख करोड़ कमाएगी मोदी सरकार, बनाई कमेटी

मोदी सरकार ने देश में मौजूद शत्रु संपत्ति से राजस्व कमाने की तैयारी की है. नए नियम के तहत इन मामलों का निपटारा किया जाएगा, इन कमेटियों में कई मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे.

गृह मंत्रालय की अगुवाई में बनी कमेटी गृह मंत्रालय की अगुवाई में बनी कमेटी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:15 AM IST

  • शत्रु संपत्ति के निपटारे के लिए सरकार का बड़ा फैसला
  • सभी संपत्तियों के निपटारे के लिए बनाई तीन कमेटियां
  • देश में एक लाख करोड़ से अधिक की शत्रु संपत्ति

देशभर में मौजूद हजारों शत्रु संपत्ति से निपटने के लिए और उनसे धन जुटाने के लिए मोदी सरकार ने तीन हाईलेवल कमेटी बनाई हैं. ये कमेटी देश में मौजूद करीब 9400 शत्रु संपत्ति मामलों का निपटारा करेगी, इससे सरकार को करीब 1 लाख करोड़ रुपये का राजस्व आने की संभावना है.

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अमित शाह करेंगे अगुवाई

गृह मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत इस फैसले को लिया गया है, जिन कमेटियों को बनाया गया है उनकी अगुवाई गृह मंत्री अमित शाह करेंगे.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इन संपत्तियों में से अधिकतर संपत्तियां उनके द्वारा छोड़ी गई हैं, जिन्होंने पाकिस्तान या चीन की नागरिकता ले ली है. इस संबंध में एक अंतर मंत्रालय टीम का गठन किया गया है, जिसकी अगुवाई गृह सचिव, सार्वजनिक संपत्ति विभाग के अधिकारी करेंगे. इनके अलावा इकॉनोमिक अफेयर्स से जुड़े कुछ अधिकारी भी शामिल रहेंगे.

केंद्र के द्वारा जिन तीन कमेटियों को बनाया गया है, उसमें अमित शाह, निर्मला सीतारमण और नितिन गडकरी भी शामिल होंगे.

यूपी में सबसे ज्यादा संपत्ति

गौरतलब है कि देश में 9280 पाकिस्तानी नागरिकों की और 126 चीनी नागरिकों की शत्रु संपत्ति है. 2018 में तत्कालीन मंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में कहा था कि देश में मौजूद शत्रु संपत्ति की कुल कीमत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है. इसमें 4000 से अधिक संपत्ति उत्तर प्रदेश में, करीब 2700 पश्चिम बंगाल में और 487 से अधिक नई दिल्ली में है.

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कुछ समय पहले मोदी सरकार के द्वारा शत्रु संपत्ति अधिनियम में बदलाव किया गया है. जिसके तहत देश के बंटवारे के दौरान देश छोड़कर दूसरे देशों यानी पाकिस्तान और चीन में बसे लोगों के उत्तराधिकारियों का अब इस संपत्ति पर कोई दावा नहीं रह गया है.

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